दबंग हैं तो जीत पक्की 

सुधीर पाल 



दबंग हैं तो जीत पक्की 
सुधीर पाल 

ऐसा क्यों है कि चुनाव में जो जितना धनवान और बाहुबली यानी आपराधिक छवि वाला हो उनके जीत की संभावना उतनी ही ज्यादा होती है। देश की राजनीति और चुनाव प्रक्रिया पर नजर रखने वाली गैर सरकारी संस्था एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स adr मानें तो हर चुनाव में करोड़पति और आपराधिक छवि वाले उम्मीदवारों की जीत की संख्या लगातार बढ़ती रही है।  

adr के अनुसार  2019 के चुनाव में लोकसभा की कुल 543 में से 454 यानी 88 फ़ीसदी सीटों पर करोड़पति उम्मीदवारों को जीत मिली थी। 2019 के ही चुनाव में 266 यानी 43 फ़ीसदी आपराधिक छवि वाले उम्मीदवारों को लोगों ने जिताया था।

थोड़ा पीछे चलें और 2009 की लोकसभा कि बात करें तो पता चलता है कि 30 फ़ीसदी सांसद आपराधिक छवि के थे। 2014 में यह आंकड़ा बढ़कर 34 फ़ीसदी हो गया। अगर गंभीर किस्म के आपराधिक छवि वाले सांसदों संख्या जहँ  2009 में  15 फ़ीसदी थी,2014 में बढ़कर 21 फ़ीसदी हो गई। 

साफ है कि जो जितना धनवान होगा उसके जीतने की संभावना उतनी ही ज्यादा है। मसलन एक करोड़ या उससे थोड़ी कम संपत्ति वाले सांसदों की संख्या 1.7 फ़ीसदी है। लेकिन 50 करोड़ से ज्यादा  संपत्ति वालों की संख्या 28.65 फ़ीसदी है। जबकि 20 से 50 करोड़ के ब्रैकेट में आने वाले सांसदों की आंकड़ा 30.3 फ़ीसदी का आता है। 

ए डी आर ने 2009 के बाद हुए लोकसभा चुनावों के आधार पर विश्लेषण में पाया कि करोड़पति या संपत्ति ज्यादा होने के साथ-साथ आपराधिक या दबंग छवि का हो तो सांसद बनने की संभावना और बढ़ जाती है। विश्लेषण में पाया गया कि 20  से 50 करोड़ की औसत संपत्ति वाले दबंग सांसदों की जीतने की संभावना 51% थी। जबकि 50 करोड़ से ज्यादा की संपत्ति वाले आपराधिक छवि के उम्मीदवारों के  सांसद बनने की गुंजाइश 40.7 फ़ीसदी है।  

यह साफ संकेत है कि चाहे जितनी भी राजनीतिक शुचिता की बात हम कर लें संपत्ति और संपत्ति के साथ दबंग होना सांसद होने की गारंटी को ज्यादा पुख्ता बनाता  है। 


इसी प्रकार अगर हम इनकम की बात करें तो आंकड़े यह बताते हैं कि यदि 50 लाख से ज्यादा सालाना आय हो तो उनके जीतने की संभावित 32.3 है।  जबकि यदि एक लाख से कम हो तो जीतने की संभावना महज एक फ़ीसदी और यदि आय 20 से 50 लाख के बीच में हो तो जीतने की संभावना 25.6 फ़ीसदी है। 


पर इनकम के साथ यदि आपराधिक छवि भी हो तो यह सोने पर सुहागा जैसा है। मसलन 50 लाख से ज्यादा सालाना आय वाला प्रत्याशी दबंग भी हो तो उसके जीतने की संभावना 67.5 फ़ीसदी हो जाती है। जबकि 20 से 50 लाख सालाना आय वाले उम्मीदवार यदि दबंग हो तो उसकी जीतने की संभावना 45.4 फ़ीसदी है और यदि 10 से 20 लाख आय हो और वह दबंग भी हो तो उसकी जीतने की संभावना घट कर 41.4 फ़ीसदी रह जाती है।

रिपोर्ट के मुताबिक 2019 के लोकसभा चुनाव में आपराधिक छवि वाले उम्मीदवार के चुनाव जीतने की संभावना 15.5 फ़ीसदी थी जबकि साफ छवि वाले उम्मीदवार के जीतने की संभावना महज 4.7 फ़ीसदी। 2019 में करोड़पति उम्मीदवार के चुनाव जीतने की संभावना 21 फ़ीसदी थी जबकि एक करोड़ से कम संपत्ति वाले उम्मीदवारों की जीतने की संभावना महज एक फ़ीसदी रही।

देश के सबसे अमीर उम्मीदवार डॉक्टर पी चंद्रशेखर जिन्होंने 5785 करोड़ रुपए की संपत्ति घोषित की है, उनकी मान्यता है कि दुर्भाग्य से इन दिनों राजनीति एक महंगी प्रक्रिया बन गई है। आम लोग किसी भी चुनाव में भाग नहीं ले पाते हैं।  श्री चंद्रशेखर चंद्रबाबू नायडू की तेलुगू देशम पार्टी से गुंटूर से चुनाव लड़ रहेहैं। 
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