1. झारखंड पंचायत राज अधिनियम 2001 क्या है?

उत्तर - झारखंड पंचायत राज अधिनियम 2001 झारखंड राज्य में स्थानीय पंचायत एवं ग्राम सभाओं को प्रशासनिक स्वायत्तता प्रदान करने एवं पंचायतों को ऐसे कार्यों एवं शक्तियों से सम्पन्न करने के लिए कानून है जिससे वे स्थानीय स्वशासित सरकार की सक्रिय संस्थाओं के रुप में ग्राम पंचायत का कार्य कर सकें. पंचायत समिति एवं जिला परिषद का गठन होने के बाद एक निश्चित, निरंतर एवं लोकतांत्रिक भावना एवं मर्यादाओं के साथ अपने स्तर के सभी सरकारी काम-काजों को संचालित करने एवं प्रबंधन करने में आम जनता की सक्रिय भागीदारी होगी एवं अपने क्षेत्र के आर्थिक एवं समाजिक न्याय सभों को प्राप्त करने के लिए एक साधन बनेगा.

2. झारखंड पंचायत राज अधिनियम 2001 विधान सभा से कब पारित हुआ?

उत्तर - यह अधिनियम 30 मार्च 2001 को झारखंड विधान सभा में प्रस्ताव के रूप में रखा गया और दिनांक 30 मार्च 2001 को ही विधान सभा द्वारा पारित किया गया और 23 अप्रैल 2001 को झारखंड के राज्यपाल की स्वीकृति से यह अधि नियम पूरे झारखंड राज्य में लागू हो गया.

3. झारखंड पंचायत राज अधिनियम 2001 की विषय सूची क्या है?

उत्तर - विषय सूची :

अध्याय विवरण
1   - संक्षिप्त नाम, विस्तार और परिभाषाएं
2   - ग्राम सभा
3   - पंचायतों का गठन
4   - निर्वाचन का संचालन
5   - पंचायतों के कामकाज का संचालन एवं बैठने की प्रक्रिया
6   - पंचायत के पदाधिकारियों की शक्तियां.
7   - कृत्य एवं दायित्व
8   - पंचायत के कृत्य
9   - पंचायत के निधि एवं उसकी सम्पत्ति
10   - पंचायतों की स्थापना
11   - कारारोपण और दावों की वसूली.
12   - नियंत्रण
13   - दण्ड
14   - जिला योजना समिति
15   - नियम और उप विधियां
16   - बजट लेखा एवं लेखा परीक्षण
17   - निरसन और व्यावृति
18   - प्रकीर्ण

4. क्या झारखंड पंचायत राज अधिनियम पूरे झारखंड क्षेत्र में लागू है?

उत्तर - इस अधिनियम का विस्तार, उन क्षेत्रों को छोड़कर जहां पटना नगर निगम अधिनियम 1951, बिहार एवं उड़िसा म्यूनिसिपल अधिनियम 1922 एवं केन्टोमेन्ट अधिनियम 1924 के उपबंध लागू हैं, सम्पूर्ण झारखंड क्षेत्र में लागू हो गया है. इसका अर्थ यह है कि रांची, हजारीबाग जैसे शहरों में जहां म्यूनिसिपालिटी है जिसको म्यूनिसिपालिटी के रूप में अधिसूचित किया गया है एवं रामगढ़ जैसे कैन्टोनमेन्ट क्षेत्रों को इस अधिनियम से बाहर रखा गया है.

5. ग्राम सभा का अर्थ क्या है?

उत्तर - झारखंड पंचायत राज अधिनियम के अन्तर्गत ग्राम पंचायत क्षेत्र के भीतर किसी राजस्व गांव से सम्बंधित ग्राम के निर्वाचन नामावली मतदाता सूची में निबंधित व्यक्तियों से गठित समूह है जो किसी ग्राम या ग्रामों के समूह हैं जिसे जिला दण्डाधिकारी द्वारा जिला गजट में अधिसूचना द्वारा घोषित किया है. प्रत्येक ग्राम सभा में सबसे अधिक जनसंख्या वाले गांव के नाम से उक्त ग्राम सभा के रूप में घोषित किया जाता है. अनुसूचित क्षेत्र में यदि ग्राम सभा के सदस्य ऐसा चाहें तो किसी ग्राम में एक से अधिक ग्राम सभा का गठन (सरकार द्वारा निर्धारित रीति से) कर सकेंगे बशर्ते ग्राम सभा के क्षेत्र में आवास या आवासों का समूह अथवा छोटे गांव या गांवों/टोलों का समूह ऐसा हो जिसमें रहने वाले लोग एक समाज के रूप में अपने परम्परा एवं दस्तूर के अनुसार अपने कार्य-कलाप का प्रबंधन स्वयं करते हैं. [ धारा 3 (iii )]

6. सामान्य क्षेत्र के लिए ग्राम सभा की बैठक कब और कहां होगी ?

उत्तर - समान्य क्षेत्र में ग्राम सभा की बैठक पंचायत के कार्यालय में समय-समय पर मुखिया की अध्यक्षता में होगी, परन्तु किन्हीं दो बैठकों के बीच का अन्तराल तीन महीने से अधिक नहीं होनी चाहिए.

7. सामान्य क्षेत्र के लिए ग्राम सभा की विशेष बैठक कैसे बुलाई जा सकती हैं?

उत्तर - ग्राम सभा के एक तिहाई सदस्य के लिखित आवेदन देने पर या पंचायत समिति, जिला परिषद तथा प्राधिकृत पदाधिकारी द्वारा सूचना देने पर ग्राम सभा की विशेष / असाधारण बैठक तीस दिनों के अन्दर बुलायी जा सकती है.

8. अनुसूचित क्षेत्र के लिए ग्राम सभा की बैठक कब और कहां होगी?

उत्तर - ग्राम सभा की बैठक अनुसूचित क्षेत्र में समय-समय पर समान्य क्षेत्र जैसे ही होगी परन्तु अनुसूचित क्षेत्र के ग्राम सभा बैठक की अध्यक्षता ग्राम सभा के अनुसूचित जन जातियों के ऐसे सदस्य द्वारा की जायगी जो उस गांव के परंपरा या प्रचलित रीति रिवाज के अनुसार मान्यता प्राप्त व्यक्ति है जो साधारणतः मुण्डा, मांझी या महतो, प्रधान या किसी अन्य नाम से जाना जाता है. यदि रीति रिवाज के मुताबिक मान्यता प्राप्त व्यक्ति ग्राम सभा की बैठक का अध्यक्ष होने के लिए असहमत है तो वह किसी अन्य व्यक्ति को मनोनीत कर सकता है यदि परंपरा या रीति-रिवाज के अनुसार मान्यता प्राप्त व्यक्ति नहीं होने पर उपस्थित ग्राम सभा के सदस्यों की आम सहमति से मनोनीत/समर्थित व्यक्ति ग्राम सभा बैठक की अध्यक्षता करेंगे. ध्यान रहे अनुसूचित क्षेत्रों के ग्राम सभा बैठक की अध्यक्षता पंचायत का मुखिया, उप मुखिया या पंचायत का कोई भी निर्वाचित सदस्य नहीं कर सकेगा.

9. ग्राम पंचायत का बजट क्या है?

उत्तर - प्रत्येक ग्राम पंचायत प्रति वर्ष ऐसे प्रारूप में तथा ऐसी रीति में एवं ऐसी तारीख तक जैसा सरकार द्वारा निर्देश दिया जाए आगामी वित्तीय वर्ष (अप्रैल से मार्च) के लिए अपनी आमदनियां तथा व्यय के बजट, प्राक्कलन (Estimate) तैयार करना है और ऐसे तैयार किए गए प्राक्कलन को ग्राम सभा द्वारा अनुमोदित किए जाएंगे.

10. पंचायत समिति क्या है?

उत्तर - पंचायत समिति त्रिस्तरीय पंचायत राज व्यवस्था की मध्यवर्ती कड़ी है जिसे धारा 32 के अंतर्गत, राज्यपाल अधिसूचना द्वारा, किसी जिले को प्रखंडों में विभाजित कर पंचायत समिति का क्षेत्र के नाम पर अधिसूचित किया जाता है. पंचायत समिति के क्षेत्र के अंतर्गत जो भी क्षेत्र, नगरनिगम, नगरपालिका, अधिसूचित क्षेत्र या कान्टोनमेंट बोर्ड के अंतर्गत हैं वे पंचायत समिति क्षेत्र से बाहर होंगे. पंचायत समिति का क्षेत्र और प्रखंड का क्षेत्र एक ही है. अतः जितने भी पंचायत प्रखंड के अंतर्गत हैं वे सबके सब अपने प्रतिनिधि को पंचायत समिति में भेजने के हकदार हैं.

11. जिला परिषद क्या है?

उत्तर - जिला परिषद पंचायतों की त्रिस्तरीय व्यवस्था में उच्चतम इकाई है. प्रत्येक जिला में एक जिला परिषद होगी, जिसका अधिकार जिले के अंतर्गत शहरी क्षेत्रों को छोड़कर जहां म्यूनिसिपालिटी या नगरपालिका, कैन्टोनमेंट बोर्ड या अधिसूचित क्षेत्र समिति है, को छोड़कर जो ग्रामीण क्षेत्र के अंतर्गत आते हैं, लागू होगा. जिला परिषद का अपना शाश्वत अधिकार जिला परिषद क्षेत्र में होगा और उसका अपना मुहर होगा. जिला परिषद इस अधिनियम के अंतर्गत एक संवैधानिक एवं कानूनी ईकाई है, जो अपने क्षेत्र के भीतर या बाहर चल या अचल संपत्ति अर्जित, धारण और अंतरण कर सकती है, एवं अपने सभी कार्य जो इस अधिनियम के द्वारा सौंपे गए हैं उसे पूरा करने के लिए सक्षम है.