जमशेदपुर में हाथियों के संरक्षण और मानव-वन्यजीव सहअस्तित्व को बढ़ावा देने के लिए शुक्रवार को एक अनोखा प्रयास देखने को मिला। दलमा वन्य प्राणी अभयारण्य और टाटा स्टील जूलॉजिकल पार्क की संयुक्त पहल पर वॉक पर गजराज कार्यक्रम आयोजित किया गया। इसकी शुरुआत सोनारी स्थित वन भवन से हुई। डीएफओ सबा आलम अंसारी ने हरी झंडी दिखाकर इस जागरूकता वॉक की शुरुआत की। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में प्रकृति प्रेमी, स्कूली बच्चे, कॉलेज के युवा, समाजसेवी, शहरवासियों के साथ-साथ वन विभाग के कर्मचारी भी शामिल हुए।
वॉक का मुख्य उद्देश्य लोगों को हाथियों के महत्व के प्रति जागरूक करना, मानव-हाथी संघर्ष को कम करने का संदेश देना और पर्यावरण संतुलन बनाए रखने के लिए प्रेरित करना था। वॉक के दौरान प्रतिभागियों ने बैनर और पोस्टर के माध्यम से यह संदेश दिया कि हाथी जंगलों के संरक्षक होने के साथ ही भारतीय संस्कृति और परंपरा का भी महत्वपूर्ण हिस्सा हैं।
इस अवसर पर डीएफओ ने कहा कि दलमा क्षेत्र न केवल झारखंड बल्कि पूरे जमशेदपुर का गौरव है और यह हाथियों का प्राकृतिक घर है। उन्होंने जोर देकर कहा कि इन्हें सुरक्षित रखना हर किसी की जिम्मेदारी है और वन विभाग लगातार इस दिशा में काम कर रहा है ताकि इंसान और हाथियों के बीच संवेदनशील संबंध कायम रहे और संघर्ष की स्थिति न बने। टाटा स्टील जूलॉजिकल पार्क से जुड़े अधिकारियों ने भी इसे केवल एक कार्यक्रम नहीं बल्कि सामाजिक संदेश करार दिया।
उन्होंने बताया कि इस तरह की पहल आगे भी जारी रहेगी ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग वन्यजीव संरक्षण और पर्यावरण सुरक्षा से जुड़ सकें। कार्यक्रम के समापन पर सभी प्रतिभागियों को हाथियों और अन्य वन्यजीवों के संरक्षण से संबंधित जानकारी जानकारी दी गई।इसके साथ ही सभी ने शपथ ली कि वे न केवल खुद बल्कि अपने समुदाय में भी पर्यावरण और वन्यजीवों की रक्षा के प्रति जागरूकता फैलाएंगे और संरक्षण की दिशा में सतत योगदान देंगे।