जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों से प्राकृतिक संसाधनों से समृद्ध क्षेत्र सबसे अधिक प्रभावित : महुआ



 राज्यसभा सांसद महुआ माजी ने श्रीलंका की राजधानी कोलंबो में साउथ एशिया रीजनल पार्लियामेंटरी फ़ोरम फॉर क्लाइमेट, एनर्जी एंड एनवायरनमेंट (एसएआरपीएफ) की ओर से आयोजित साउथ एशिया–लैटिन अमेरिका संसदीय बैठक में हिस्सा लिया।

बैठक का विषय ऑन सीओपी-30 : जलवायु और ऊर्जा सहयोग के नए मार्ग था। माजी की ओर से गुरूवार को जारी प्रेस विज्ञप्ति में बताया कि इस उच्चस्तरीय बैठक में मुख्य रूप से दक्षिण एशिया, ब्राज़ील, लैटिन अमेरिका और कैरिबियाई देशों के सांसदों ने भाग लिया। सभा में सांसद महुआ माजी ने झारखंड के संदर्भ में उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों से सबसे अधिक प्रभावित वे क्षेत्र हैं जो प्राकृतिक संसाधनों से समृद्ध हैं। लेकिन विकास की दृष्टि से वंचित हैं।

उन्होंने कहा कि झारखंड में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नेतृत्व में सरकार ऊर्जा के क्षेत्र में सराहनीय कार्य कर रही है। लेकिन वैश्विक स्तर पर हमें ऐसी नीतियां बनानी होंगी, जो ऊर्जा परिवर्तन और सामाजिक न्याय दोनों को संतुलित करें। उन्होंने कहा कि भारत जलवायु न्याय और दक्षिण-दक्षिण सहयोग को मज़बूत करने के लिए प्रतिबद्ध है। बैठक के दौरान सतत ऊर्जा समाधानों और बहुपक्षीय जलवायु भागीदारी को बढ़ाने पर जोर दिया गया।

बैठक में श्रीलंका के पर्यावरण मंत्री डॉ डम्मिका पताबेन्दी, विपक्ष के नेता सजित प्रेमदासा, भारत के सांसद और एसएआरपीएफ के अध्यक्ष डॉ संजय जायसवाल, एंडियन संसद (पारलैंडियो) के अध्यक्ष गुस्तावो पाचेको विलार और पार्लातिनो (पारलैंडियो) के अध्यक्ष रोलांडो गोंज़ालेज़ पैट्रिसियो सहित कई वरिष्ठ सांसदों और जलवायु विशेषज्ञों ने शिरकत की।
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