बृहद झारखंड संस्कृति कला मंच की ओर से राजधानी रांची में पहली बार गुरुवार को धूमधाम से ठहरे सोहराय पर्व के तहत पदयात्रा कर, सांस्कृतिक पर्व सोहराई मनाया गया। इस अवसर पर सबसे पहले राज्य के विभिन्न क्षेत्रों से रांची पहुंचे संस्कृति प्रेमियों का महाजुटान मोराबादी मैदान में हुआ। इसके बाद कार्यक्रम में राज्य के आदिवासी-मूलवासी और सभी जाति वर्गों के लोगों ने पदयात्रा निकाली। यह पदयात्रा मोरहाबादी मैदान से अपने सांस्कृतिक अंदाज में नाचते-गाते झूमते हुए एसएसपी चौक, रेडियम रोड-कचहरी चौक होते हुए जयपाल सिंह स्टेडियम पहुंची। इससे रांची की फिजा परंपरागत खुशबू से महक उठी। इस अवसर पर झारखंड लोकतांत्रिक क्रांतिकारी मोर्चा (जेएलकेएम) के केंंद्रीय उपाध्यक्ष देवेंद्रनाथ महतो सोहराय पदयात्रा में शामिल हुए।
कार्यक्रम में पारंपरिक हल बैल के प्रतिरूप को लेकर बडी संख्या में जुटे हुजूम के साथ स्टेडियम पहुंचे। नई फसल के आगमन की खुशी, खेती किसानी उपकरणों के प्रति आस्था और बैल भैंस जैसे जानवरों से प्रेम को दिखाया गया। स्टेडियम में उन्होंने सबसे पहले जयपाल सिंह मुंडा की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर यहां आयोजित अखाड़ा प्रदर्शनी शुरू की। सोहराय अखाड़ा स्थल स्टेडियम में सोहराय संस्कृति प्रेमी झुमते और गाते नजर आये। महिलाओं ने अपने पारंपरिक नेक नियम और संगीत से पर्व को सफल बनाया। प्रसिद्ध क्षेत्रीय कलाकारों ने अपने रंगारंग कला की मनमोहक प्रस्तूति दी।
मौके पर देवेंद्रनाथ महतो ने कहा की पदयात्रा के जरिए राजधानी शहर के बीचो-बीच यह पर्व स्थापित करने का मुख्य उद्देश्य झारखंडी सांस्कृतिक परंपराओं को संरक्षित करना है। स्थानिक कलाकारों को मंच देना और नई युवा पीढ़ी अपने परंपरा से खूद को जड़ों से जोड़ने का प्रयास है।
कार्यक्रम में पप्पू कुर्मी, दीपक पुर्णियार, शीतल ओहदार, शखीचंद महतो, बेबी महतो, जलेश्वर मार्शल, फुलेश्वर बेठा, सुमित खतियानी, रामपदो महतो सहित अन्य शामिल हुए।