पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का निधन, शोक संवेदनाओं का लगा तांता



देश के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का गुरुवार रात को दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) में निधन हो गया। वह 92 साल के थे।
तबीयत बिगड़ने के बाद देर शाम उन्हें एम्स में भर्ती कराया गया था जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। वह पिछले लंबे समय से बीमार चल रहे थे।
पूर्व प्रधानमंत्री के निधन के बारे में जो आधिकारिकजानकारी जारी की गयी, उसके अनुसार, इलाज के लिए इलाज उन्हें गुरुवार रात रात 8:06 बजे एम्स की मेडिकल इमरजेंसी में लाया गया। मगर तमाम प्रयासों के बावजूद उन्हें बचाया नहीं जा सका और रात 9:51 बजे उन्हें मृत घोषित कर दिया गया।'
बता दें कि साल 2006 में सिंह के हृदय की दूसरी बार बाईपास सर्जरी हुई थी, जिसके बाद से वह काफी बीमार चल रहे थे। इसके अलावा, कोरोना काल में उन्हें कोरोना वायरस का संक्रमण भी हुआ था, जिसके बाद से उन्हें सांस लेने में भी काफी तकलीफ रहती थी। गुरुवार शाम बेहोश होने के बाद घर पर ही उनका उपचार शुरू किया था। उसके बाद रात को उन्हें अस्पताल पहुंचाया गया, लेकिन तमाम प्रयासों के बाद भी उन्हें बचाया नहीं जा सका।

स्मृति - मनमोहन सिंह 

मनमोहन सिंह का जन्म 26 सितंबर, 1932 को अविभाजित भारत के पंजाब के एक गांव में हुआ था। उन्होंने अपने जीवन में शिक्षा, अर्थशास्त्र और राजनीति में असाधारण उपलब्धियां हासिल की थीं। उन्होंने 1948 में पंजाब विश्वविद्यालय से 10वीं पास की थी। उसके बाद कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय से 1957 में अर्थशास्त्र में प्रथम श्रेणी ऑनर्स की डिग्री प्राप्त की। उन्होंने 1962 में ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के नफील्ड कॉलेज से अर्थशास्त्र में DPhil की उपाधि अर्जित की थी।

बतौर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह

मनमोहन सिंह 2004 से 2014 तक देश के प्रधानमंत्री रहे। 
  • उनके कार्यकाल में भारत का सकल घरेलू उत्पाद (GDP) औसतन 8.1 प्रतिशत की दर से बढ़ा।
  • सिंह ने इस दौरान सूचना का अधिकार, राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन, आधार, महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी (मनरेगा), बच्चों को मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा का अधिकार, राजीव आवास योजना और राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा जैसे महत्वपूर्ण कानून और योजनाएं लागू की थीं।

मनमोहन सिंह का संसदीय सफर?

  • मनमोहन सिंह पीवी नरसिम्हा राव की सरकार में जून, 1991 में वित्त मंत्री नियुक्त किए गए थे। इसके 4 महीने बाद यानी अक्टूबर में वे पहली बार असम से राज्यसभा के लिए चुने गए थे।
  • 1995, 2001, 2007 और 2013 में असम से ही राज्यसभा सदस्य रहे। वे छठवीं और आखिरी बार अगस्त, 2019 में राजस्थान से राज्यसभा के लिए चुने गए थे।
  • उन्होंने 1999 में दिल्ली से लोकसभा चुनाव भी लड़ा था, लेकिन जीत नहीं सके।

संसद में मनमोहन सिंह का आखिरी सम्बोधन

मनमोहन सिंह ने आखिरी बार 2016 में संसद में भाषण दिया था। तब उन्होंने नोटबंदी पर सरकार को घेरते हुए इसे 'संगठित और वैध लूट' कहा था। उन्होंने कहा था, "नोटबंदी अर्थव्यवस्था के लिए खतरा है। इससे अर्थव्यवस्था कमजोर हो सकती है और GDP में 2 प्रतिशत की गिरावट आ सकती है। मैं प्रधानमंत्री से पूछना चाहता हूं कि वे किसी ऐसे देश का नाम बताएं, जहां लोगों ने बैंक में अपने पैसे जमा कराए, लेकिन उसे निकाल नहीं सकते।"

प्रधानमंत्री मोदी ने जताया शोक

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी सिंह के निधन पर शोक व्यक्त किया है। उन्होंने एक्स पर लिखा, 'भारत अपने सबसे प्रतिष्ठित नेताओं में से एक डॉ मनमोहन सिंह के निधन पर शोक मनाता है। साधारण परिवार से उठकर वह एक प्रतिष्ठित अर्थशास्त्री बने। उन्होंने वित्त मंत्री सहित विभिन्न सरकारी पदों पर कार्य किया। संसद में उनका हस्तक्षेप भी व्यावहारिक था। हमारे प्रधानमंत्री के रूप में उन्होंने लोगों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए व्यापक प्रयास किए।'

केन्द्रीय गृहमंत्री ने जताया शोक

केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने अपनी शोक संवेदना व्यक्त करते हुए कहा- पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह जी के निधन की सूचना अत्यंत दुःखद है। भारतीय रिजर्व बैंक में गवर्नर से लेकर देश के वित्त मंत्री और प्रधानमंत्री के रूप में डॉ. मनमोहन सिंह जी ने देश की शासन व्यवस्था में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई। दुःख की इस घड़ी में उनके परिजनों व समर्थकों के प्रति संवेदना व्यक्त करता हूँ। वाहेगुरु जी उनकी आत्मा को सद्गति प्रदान करें और उनके परिवारजनों को यह दुःख सहने की शक्ति दें।
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