दुमका का काठीकुण्ड प्रखंड वैसे ही पहले से नक्सलियों से प्रभावित था, अब अब कोल बॉल के कारण जो परेशानियां शुरू हुई हैं, उसका विरोध ग्रामीण करने लगे हैं। प्रखंड के बडाचापुडिया पंचायत में कोल ब्लॉक विरोध थमने का नाम नहीं ले रहा है।इसी क्रम में भुईभंगा के चौक के समीप मैदान में सैकड़ों ग्रामीणों ने बैठक कर कोल ब्लाक का विरोध किया।
ग्रामीण कोल ब्लॉक का क्यों कर रहे विरोध?
ग्रामीणो का कहना कि कोल ब्लाक से सैकड़ों गांव प्रभावित हों रहे है। जीवन तहस नहस हो जायेगा। पड़ोस के जिले पाकुड़ के अमडा़पाडा़ एवं कठालडीह का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि जैसे उन कोल ब्लॉक से लोग रोज प्रदूषण से लेकर तकलीफ झेलनी पड़ रही है। जबकी वहां के लोग रोजगार के लिए भटक रहे हैं। वैसी ही स्थिति उनकी भी होने वाली है। ग्रामीणों का कहना है कि हजार रुपए में काम ले रही कोल ब्लाक कम्पनी रैयत का ही शोषण करती है। प्राकृति सुंदरता जल, जंगल, जमीन बंजर भूमि में तब्दील हो जायेगा। आने वाले पीढ़ी का भविष्य में बिना जमीन और बिना रोजगार और खेती के लोग कैसे रह सकेंगे।
ग्रामीणों ने विस्थापित आंदोलनकारी मुन्नी हांसदा से सहयोग करने की अपील किया। आंदोलनकारी मुन्नी हांसदा ने ग्रामीणों का हौसला बुलंद करते हुए कहा जबतक लड़ेंगे नहीं, तब तक दबाने में हरकदम प्रयास करते रहेंगे। नहीं ज़मीन देंगे, नहीं जान देंगे का नारा बुलंद की।
गौरतलब हो कि काठीकुण्ड प्रखंड में आंदोलनकारियों मुन्नी हांसदा के नेतृत्व में हुए आंदोलन वर्ष 2009 पर पुलिस ने गोली चलाई गई थी। जिससे कई लोग को गोलियों भी लगी और दो लोगों को गोली लगने से मौत हो गई थी। कोल ब्लॉक खोलने से दर्जनों गांवों के लोग विस्थापित हो जायेंगे।