महिला सशक्तीकरण के लिए मील का पत्थर साबित होगा राष्ट्रीय महिला आयोग का पंचायत से संसद 2.0 का आयोजन। राष्ट्रीय महिला आयोग का यह प्रयास अनुसूचित जनजातियों की महिलाओं के सशक्तीकरण के लिए है। अनुसूचित जनजाति से निर्वाचित महिला प्रतिनिधियों को संसद में लाने के लिए राष्ट्रीय महिला आयोग ‘पंचायत से संसद 2.0’ की शुरुआत करने जा रहा है। लोकसभा सचिवालय और जनजातीय मामलों के मंत्रालय के सहयोग से आयोजित किए जाने वाले विशेष कार्यक्रम “पंचायत से संसद 2.0” में देश भर से 500 निर्वाचित महिला प्रतिनिधि भाग लेंगी। यह कार्यक्रम 6 जनवरी को आयोजित किया जाएगा।
राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष विजया रहाटकर ने बताया कि संसद के सेंट्रल हॉल में आयोजित होने वाले इस ऐतिहासिक कार्यक्रम में देश के 22 राज्यों का प्रतिनिधित्व करने वाली अनुसूचित जनजातियों की 500 निर्वाचित महिला प्रतिनिधि भाग लेंगी।
यह कार्यक्रम एक ऐतिहासिक होगा। यह सम्मानित आदिवासी नेता और स्वतंत्रता सेनानी भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती के मौके पर भी आयोजित हो रहा है। उनकी स्थायी विरासत का सम्मान करते हुए, यह कार्यक्रम आदिवासी महिला नेताओं की नेतृत्व क्षमताओं को मजबूत करने और उन्हें अपने समुदायों में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए सशक्त बनाने का प्रयास है।
इस पहल को महिला सशक्तीकरण के लिए मील का पत्थर बताते हुए रहाटकर ने कहा कि यह पहल जमीनी स्तर पर महिला नेताओं को सशक्त बनाने की दिशा में एक कदम है।
इस कार्यक्रम में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु के साथ एक इंटरैक्टिव सत्र भी आयोजित किया जाएगा। उन्होंने ने कहा कि "यह बहुत गर्व और विशेषाधिकार का क्षण है कि राष्ट्रपति ने इन महिलाओं को राष्ट्रपति भवन में आमंत्रित किया है।