देशभर के जनजातीय समुदाय को केन्द्र सरकार ने बड़ा तोहफा दिया है। श्रमिकों की केंद्र सरकार की सभी कल्याणकारी योजनाओं और कार्यक्रमों तक सुगम पहुंच बनाने के लिए ‘ई श्रम पोर्टल’ अब सभी 22 अनूसूचित भाषाओं में उपलब्ध होगा।
केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री मनसुख मांडविया ने ई-श्रम पोर्टल पर बहुभाषी कार्यक्षमता की शुरुआत की। ई-श्रम को ‘वन-स्टॉप-सॉल्यूशन’ बनाने के दृष्टिकोण के अनुरूप, यह पोर्टल अब सभी 22 अनुसूचित भाषाओं में उपलब्ध होगा। इस कार्यक्रम में श्रम एवं रोजगार मंत्रालय के सचिव और कई वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया। केंद्र सरकार की भाषिणी परियोजना का लाभ उठाकर ई-श्रम पोर्टल को 22 भाषाओं में तैयार किया गया है। पिछला संस्करण केवल अंग्रेजी, हिंदी, कन्नड़ और मराठी में उपलब्ध था।
मांडविया ने कहा कि पोर्टल पर प्रतिदिन असंगठित श्रमिकों के औसतन 30,000 से अधिक पंजीकरण दर्ज किए जाते हैं। उन्होंने सभी असंगठित श्रमिकों से उनके कल्याण और आजीविका के लिए बनाई गई विभिन्न सरकारी योजनाओं का लाभ उठाने के लिए ई-श्रम पोर्टल पर पंजीकरण करने का आग्रह किया।
उन्होंने कहा कि पोर्टल पर पंजीकरण से सामाजिक सुरक्षा योजनाओं और कार्यक्रमों की एक विस्तृत श्रृंखला तक पहुँच आसान हो जाएगी। ई-श्रम पोर्टल से केंद्र सरकार की 12 योजनाओं तक पहुँच सुगम हो गई है। केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्रालय की सचिव सुमिता डावरा ने बताया कि मंत्रालय असंगठित श्रमिकों के कल्याण और सामाजिक सुरक्षा के लिए तैयार की गई सरकारी योजनाओं तक निर्बाध पहुंच के लिए ई-श्रम को ‘वन स्टॉप सॉल्यूशन’ के रूप में सक्षम बनाने पर काम कर रहा है। उन्होंने बताया कि राज्य सरकारों के प्रासंगिक कार्यक्रमों सहित सभी प्रासंगिक सामाजिक सुरक्षा और कल्याण योजनाओं को ई-श्रम पोर्टल के साथ एकीकृत करने के प्रयास चल रहे हैं। ई-श्रम पोर्टल पर भवन एवं अन्य निर्माण श्रमिकों और गिग एवं प्लेटफॉर्म श्रमिकों का पंजीकरण मिशन-मोड पर चल रहा है।