झारखंड में यूएई ग्रुप, टाटा पावर समेत तीन दर्जन से अधिक कंपनियां सोलर पावर प्लांट लगाने की इच्छुक हैं। जेरेडा ने पहले चरण में चार हजार मेगावाट के प्लांट के लिए एक्सप्रेशन आॅफ इंटरेस्ट निकाला गया था। जिसके प्री बिड कांफ्रेंस में इन कंपनियों के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लेकर अपनी इच्छा जतायी है। जेरेडा के निदेशक केके वर्मा, परियोजना निदेशक विजय कुमार सिन्हा व कार्यपालक अभियंता मुकेश प्रसाद ने यह जानकारी दी।
पहले चरण में 4000 मेगावाट सौर क्षमता का लक्ष्य
निवेशकों को बताया गया कि झारखंड ने 2022 में झारखंड राज्य सौर नीति लागू की है। इस नीति का मुख्य उद्देश्य राज्य में सौर ऊर्जा क्षमता वृद्धि को बढ़ावा देना और सौर परियोजना विकास के लिए राज्य में निवेश बढ़ाना है। साथ ही अक्षय ऊर्जा क्षेत्र में राज्य में रोजगार के अवसर पैदा करना है। नीति के तहत पहले चरण में एक हजार और तीन हजार, कुल चार हजार मेगावाट सौर क्षमता वृद्धि का लक्ष्य रखा है। इसमें कहा गया कि परियोजनाओं की न्यूनतम क्षमता 500 किलोवाट होनी चाहिए और नियामक प्रावधानों का अनुपालन करना चाहिए।
25 वर्षों तक प्लांट की जिम्मेवारी सम्भालेंगे डेवलपर्स
चयनित डेवलपर्स 25 वर्षों तक प्लांट के वित्तपोषण, निर्माण, संचालन और रखरखाव के लिए जिम्मेदार होंगे। प्रावधानों के तहत, इच्छुक डेवलपर्स खरीदारों को बिजली की आपूर्ति के लिए दो तरीके अपना सकते हैं। पहला कि राज्य में वितरण कंपनियों को निर्धारित टैरिफ पर बिजली दे सकते हैं। डेवलपर 25 वर्षों के लिए डिस्कॉम के साथ पीपीए पर हस्ताक्षर करेगा. दूसरा कि डेवलपर्स के पास बिजली की खरीद के लिए अपना स्वयं का खरीदार तैयार है, तो डेवलपर सीधे बिजली खरीदार के साथ पीपीए पर हस्ताक्षर कर सकता है, प्री-बिड मीटिंग में 55 डेवलपर्स और 10 बैंक/वित्तीय संस्थानों ने भाग लिया है। बैठक में डेवलपर्स ने इओआइ और वित्तपोषण विकल्पों की उपलब्धता, बिजली निकासी, ग्रिड कनेक्टिविटी से संबंधित चुनौतियों और सुरक्षा जैसी मौजूदा कठिनाइयों से संबंधित अपने प्रश्न उठाये।
सरकार हर प्रकार से करेगी मदद
परियोजना निदेशक विजय कुमार सिन्हा ने बताया कि राज्य सरकार चाहती है कि ज्यादा से ज्यादा सोलर प्लांट राज्य में लगाये जायें। इसके लिए सरकार हर प्रकार का सहयोग करने के लिए तत्पर हैं। निवेशक यहां खुले दिल से आयें, अपना प्रस्ताव दें और आगे जो भी कठिनाई आयेगी तो सरकार समाधान करेगी। वहीं कार्यपालक अभियंता मुकेश प्रसाद ने बताया कि सौर ऊर्जा नीति के तहत निवेशकों को आमंत्रित किया गया है. निवेशकों को कई लाभ देने का भी प्रावधान है।
इच्छा जताने वाली कंपनियां
एरोसॉट हेल्थकेयर प्राइवेट लिमिटेड, वी गार्ड, आइटी ग्रुप, ग्लोबल मार्केटिंग हाउस, किर्लोस्कर सोलर टेक्नोलॉजी, भारत इको सोलर, एसओएल इंडिया, एमइआरसी ट्रेडिंग, नोवा, लूम सोलर, एपीएस पावर, जय माता दी, मां दुर्गा थर्मल पावर, श्री कलेक्शन, सोलराइज टेक्नो इंडस्ट्रीज, विदित एनर्जी, सोलर इंडस्ट्रीज, वैष्णवी इंजीनियरिंग, टाटा पावर रिनेवबल, वेंचर ग्रीन, गौरव हाइटेक, नारायणी पावर, इंपावर कंस्ट्रक्शन, एआरके एंड कंपनी
बूंद सोलर, बृहस्पति टेक्नोलॉजी, एमटीपीसीएल, सप्तर्षी पुरकायस्थ, अल्ट एनर्जी, अवाडा एनर्जी, एनरेटिया सन पावर, यूएइ ग्रुप कार्यक्रम में आॅनलाइन जुड़े थे।