18 जनवरी को चान्हो में प्रमंडल स्तरीय कृषि मेला
झारखंड की कृषि मंत्री ने किसानों को बड़ी खुशखबरी दी है। उन्होंने बतायाकि झारखंड के महुआ सहित अन्य वन उपज एवं सब्जी उत्पादन पर एमएसपी तय करने की पहल हो रही है। महुआ जैसे वन उपज को कृषि विभाग एमएसपी के दायरे में लाना ग्रामीणों के हित में होगा। हालांकि उन्होंने यह स्पष्ट किया कि यह चर्चा अभी प्रारंभिक दौर में है।
राज्य की कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की विभागीय समीक्षा कर रही थीं। मंत्री पद की शपथ लेने के बाद उनकी यह दूसरी मासिक समीक्षा बैठक थी। ों शिल्पी नेहा तिर्की ने विभाग द्वारा संचालित योजनाओं की विस्तार से जानकारी ली। उन्होंने योजनाओं को लेकर एक्शन टेकन रिपोर्ट पर चर्चा की। इस दौरान वह वीएलडब्लू के काम को लेकर नाराज दिखी .वीएलडब्लू की नियुक्ति कृषि विभाग के द्वारा की गई है। उनके वेतन का भुगतान भी कृषि विभाग के मद से होता है, लेकिन वीएलडब्लूआवास योजना और मनरेगा के लिए जमीन का काम ज्यादा करते है। उन्होंने वीएलडब्लू को कृषि विभाग की योजनाओं के लिए काम करने का निर्देश दिया है। उन्होंने कहा है कि बहुत जल्द इन्हें एक राज्य स्तरीय सेमिनार का आयोजन कर जिम्मेदारी सौंपी जाएगी।
जरूरतमंद किसानों तक योजनाएं नहीं पहुंचने पर जतायी चिंता
समीक्षा बैठक के दौरान यह बात भी सामने आयी कि जरूरतमंद लाभुकों तक कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता विभाग की योजना नहीं पहुंच पा रही है। कुछ खास किसानों को ही विभाग की एक से ज्यादा योजना मिल रही है। कृषि मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की ने कहा कि मांडर और चान्हो में सिंचाई से संबंधित एक भी आवेदन नहीं मिला है। ये हैरान करने वाली बात है। दरअसल किसानों को विभाग की योजना की सही जानकारी तक नहीं है। मंत्री ने बताया कि 18 जनवरी को चान्हो में प्रमंडल स्तरीय कृषि मेला का आयोजन किया गया है। मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की ने अधिकारियों को सरकार की योजनाओं को शत प्रतिशत धरातल पर उतारने का निर्देश दिया है। उन्होंने कहा कि योजनाओं को धरातल पर उतार कर पलायन को रोका जा सकता है। मंत्री ने कहा कि बिरसा ग्राम पाठशाला योजना एक अच्छी योजना है, लेकिन उसका लाभ किसानों को सिर्फ इसलिए नहीं मिल पाया, चूंकि वह सरकारी कागज तक ही सिमट कर रह गई।