झारखंड में अवैध तरीके से की जा रही अफीम की खेती पर प्रशासन कड़ी कार्रवाई करने की तैयारी कर चुकी है। अवैध अफीम की खेती को नष्ट करने को लेकर गृह सचिव वंदना डाडेल और डीजीपी अनुराग गुप्ता ने एक उच्च स्तरीय बैठक की। इस दौरान दोनों अधिकारियों ने अफीम की खेती को पूरी तरह रोकने लिए के सभी आवश्यक कार्रवाई सुनिश्चित करने का निर्देश दिए। गृह सचिव और डीजीपी ने विशेष रूप से उन सभी मामलों की समीक्षा की, जिसमें बड़े पैमाने में अवैध मादक पदार्थ बरामद हुए हैं। अवैध मादक पदार्थ का सेवन, खेती, व्यापार की रोकथाम के लिए व्यापक रूप से समीक्षा करते हुए संयुक्त रूप से कई दिशा निर्देश दिये ।
अवैध अफीम की खेती की रोकथाम के लिए संबंधित एजेंसियों राजस्व विभाग, कृषि विभाग, वन विभाग और पुलिस विभाग को सूचना संकलन कर आपसी समन्वय स्थापित करते हुए संयुक्त रूप से कार्रवाई करने का निर्देश गृह सचिव और डीजीपी ने दिया। साथ ही अवैध अफीम की खेती किये जाने वाले जमीन (स्थल) सरकारी, रैयती एवं वन भूमि का पता लगाकर आवश्यकतानुसार कठोर कानूनी कार्रवाई करने को कहा गया है।
गृह सचिव और डीजीपी ने कहा कि प्रायः यह देखा गया है कि जिन भूमि में अफीम की खेती की जाती है, उसे विनष्टीकरण के बाद थाना में सनहा दर्ज किया जाता है, जो उचित नहीं है, जिस भी भूमि पर अवैध अफीम की खेती का विनष्टीकरण किया जाता है, तो उसके आलोक में निश्चित रूप से प्राथमिक दर्ज किया जाए।
विशेष शाखा और एनसीबी से प्राप्त सूचना के सत्यापन के बाद तुरंत कार्रवाई करना सुनिश्चित की जाए। यदि कोई थाना प्रभारी प्राप्त सूचना के आधार पर वांछित कार्रवाई नहीं करते हैं तो उनके विरुद्ध कठोर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाए। मानकी, मुण्डा, मुखिया, जनप्रतिनिधियों एवं महिला समिति से सम्पर्क कर उनका सहयोग लेते हुए साथ ही ड्रोन कैमरा का प्रयोग कर सूचना संकलित करते हुए वांछित कार्रवाई करना सुनिश्चित करेंगे।
बैठक में आईजी अखिलेश कुमार झा, अमोल विनुकांत होमकर, असीम विक्रांत मिंज, पी०आर० नायडू, आयुक्त अंजनी कुमार मिश्रा, डीसी मंजूनाथ भंजत्री, खूंटी डीसी लोकेश मिश्रा, अमित रेणु, राज कुमार मेहता, सुमित कुमार अग्रवाल, खूंटी एसपी अमन कुमार सहित अन्य संबंधित अधिकारी मौजूद थे।