झारखंड सरकार राज्य में टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए लगातार तत्पर है। इसी क्रम में राज्य के नगर विकास, पर्यटन एवं उच्च शिक्षा मंत्री सुदिव्य कुमार ने ऐलान किया है कि झारखंड में जल्द ही ट्राइबल टूरिज्म शुरू किया जायेगा। उन्होंने कहा कि माइ़निंग टूरिज्म भी शुरु करने की दिशा में काम चल रहा है। मंत्री ने नेपाल हाउस स्थित अपने कार्यालय में एक बातचीत में बताया कि ट्राइबल टूरिज्म में ट्राइबल कल्चर और ट्राइबल रहन-सहन और खान-पान की प्रमुखता होगी। उन्होंने कहा कि पहला ट्राइबल टूरिज्म तमाड़ के अड़की से उलिहातु होते हुए विकसित किया जायेगा। जहां आकर लोग भगवान बिरसा मुंडा की जन्मस्थली को भी देख सकेंगे। वहीं ट्राइबल रहन-सहन और संस्कृति को भी जान सकेंगे। मंत्री ने बताया कि उनकी दूसरी योजना है कि राज्य में माइंस टूरिज्म को विकसित करने की। राज्य में सीसीएल, बीसीसीएल के कई कोयला खदान हैं। जहां खनन कार्यों को देखा जा सकता है ।देश के अन्य हिस्सों के लोग जो बिजली का इस्तेमाल करते हैं, पर ये नहीं जानते कि उनतक बिजली पहुंचाने के लिए कोयला कहां से और कैसे आता है। लोग यहां आकर ओपन कास्ट माइंस देख सकते हैं। इससे स्थानीय लोगों को रोजगार के असर भी मिलेंगे।
पर्यटन होगा राज्य की पहचान
मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन भी कह चुके हैं कि अब इस राज्य को खनन नहीं पर्यटन के रूप में जाना जाना चाहिए। इस सोच के साथ राज्य आगे बढ़ रहा है। विस्थापन होता है और स्थानीय लोगों को लाभ भी नहीं मिलता। पर पर्यटन में ऐसा कुछ नहीं होता बल्कि स्थानीय लोगों को ज्यादा से ज्यादा रोजगार के अवसर भी मिलते हैं।
ग्राम वन समिति को पर्यटन क्षेत्र सौंपा जायेगा
मंत्री ने कहा कि जहां-जहां वनों के अंदर सुंदर झरने व नदी हैं। वहां के स्थानीय ग्राम समिति को ही उस क्षेत्र का अधिकार सौंपा जायेगा। इससे जहां उनकी आये बढ़ेगी वहीं सरकार के राजस्व में भी इजापा होगा। उन्होंने कहा कि सभी ऐसे पर्यटक स्थलों में बेसिक एमनिटिज विकसित किये जायेंगे ताकि पर्यटकों को असुविधा न हो।
पलामू किला का होगा जीर्णोद्वार
मंत्री ने कहा कि पलामू किला की हालत बेहतर नहीं है, जबकि यह ऐतिहासिक किला है। आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया(एएसआइ) को सरकार पत्र भेजकर किले के संरक्षण का आग्रह करेगी। ताकि यहां भी पर्यटक आ सके और इतिहास को जान सके। इसी तरह हजारीबाग के मेगालिथ को डेवलप किया जायेगा ताकि लोग आकर यहां अध्ययन कर सके।
छह डैमों का पर्यटकों के लिहाज होगा विकास
मंत्री ने बताया कि राज्य के मसानजोर, गेतलसूद , पतरातू , चांडिल, तेनुघाट , तिलैया डैम में आने वाले समय में पर्यटकों को बेहतर सुविधा और संसाधन मिले इस दिशा में काम हो रहा है। यहां ज्यादा से ज्यादा सुविधा विकसित किये जायेंगे।
ग्लास ब्रिज और ग्लास टावर भी बनेंगे
मंत्री ने कहा कि दशम , जोन्हा , नेतरहाट स्थित मैगनोलिया प्वाइंट, नेतरहाट का कोयल व्यू पॉइंट, पतरातू वैली का सेल्फी प्वाइंट इन जगहों पर ग्लास ब्रिज बनाये जायेंगे। कोयल व्यू प्वाइंट में एक ग्लास टावर बनाया जायेगा। इसके साथ ही झारखंड ही फॉरेस्ट लैंड से लेकर वाटर फॉल और कोई भी दर्शनीय स्थल हों वहां टूरिज्म की फैसिलिटी दिखेगी। साथ ही उसके चलाने के तौर तरीके पर भी फोकस होगा। मंत्री ने कहा कि राज्य में टूरिज्म और रिलिजियस सर्किट भी डेवलप किये जा रहे हैं। जहां हर 25 किमी पर एक रेस्ट प्वाइंट बनेगा, जिसमें बेसिक एमनिटिज के अलावा खान-पान की भी सुविधा होगी।