मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने स्वास्थ्य, चिकित्सा शिक्षा एवं परिवार कल्याण विभाग, अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग तथा वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के अधिकारियों के साथ एक उच्च स्तरीय बैठक की।
बैठक में मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से रांची रिम्स के पुनर्विकास एवं विस्तार से संबंधित प्रस्तावित कार्य योजना की विस्तृत जानकारी ली और निर्देश भी दिये। मुख्यमंत्री ने कहा कि रिम्स का एक बेहतर मास्टर री-डेवलपमेंट प्लान शीघ्र तैयार करें। रिम्स के नए री-डेवलपमेंट मास्टर प्लान में भविष्य को दृष्टिगत रखते हुए सभी चीजें सुसज्जित तरीके से व्यवस्थित करने की कार्य योजना बनाएं। मुख्यमंत्री ने कहा कि देश में रिम्स की अलग पहचान होनी चाहिए।
स्वास्थ्य व्यवस्थाओं का आधुनिकीकरण हमारी सरकार की प्राथमिकता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि रिम्स के री-डेवलपमेंट मास्टर प्लान में सभी हॉस्टल्स को एक जगह, सभी रेजिडेंशियल कंपलेक्स को नॉर्थ ब्लॉक में शिफ्ट करने का प्लान बनाई जाये।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि वर्तमान में रिम्स परिसर के 1600 बेड वाले इनडोर क्षेत्र का रिनोवेशन करें तथा बेसमेंट क्षेत्र को सील करने का कार्य करें ताकि बार-बार होने वाला वाटर लॉगिंग रोका जा सके। बैठक में रिम्स निदेशक डॉ० राजकुमार एवं मेडिकल सुपरिंटेंडेंट डॉ० हीरेंद्र बिरुआ भी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री ने अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग के अधिकारियों से प्रस्तावित आदिवासी कल्याण हॉस्टल्स के टेंडर प्रक्रिया की जानकारी ली। अधिकारियों ने मुख्यमंत्री को अवगत कराया कि रांची में दो आदिवासी कल्याण हॉस्टल्स तथा डाल्टनगंज में दो आदिवासी कल्याण हॉस्टल्स का निर्माण किया जाना प्रस्तावित है, इन चारों हॉस्टल्स का टेंडर प्रक्रिया पूरी कर ली गई है।
आदिवासी छात्राओं के छात्रावास को लेकर निर्देश
रांची के विमेंस कॉलेज (साइंस ब्लॉक) परिसर में 525 अनुसूचित जनजाति के छात्राओं के लिए छात्रावास का निर्माण तथा आदिवासी हॉस्टल कैंपस में 525 छात्रों के लिए छात्रावास का निर्माण किया जाना प्रस्तावित है, वहीं पलामू जिला के डाल्टनगंज स्थित बाईपास रोड रेड़मा में एसटी वर्ग के लिए 525-525 विद्यार्थियों का दो छात्रावास का निर्माण कार्य किया जाना है।
उक्त सभी छात्रावासों का निर्माण कार्य अगले एक महीने के भीतर प्रारम्भ कर दिया जाएगा। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि नवनिर्मित सभी छात्रावासों में बाउंड्री वॉल, सुरक्षा गार्ड, सफाई कर्मी, रसोईया, जरूरी फर्नीचर इत्यादि सभी सुविधाओं से संबंधित व्यवस्था दुरुस्त रहे यह हर हाल में सुनिश्चित की जाए।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि प्रस्तावित सभी छात्रावास निर्धारित समय सीमा के अंतर्गत पूर्ण होनी चाहिए। निर्माण कार्य में गुणवत्ता का पूरा ख्याल रखें। समय सीमा और गुणवत्ता में किसी भी प्रकार की कोताही स्वीकार्य नही होगी, साथ ही मुख्यमंत्री ने छात्रावास निर्माण से संबंधित कई महत्वपूर्ण निर्देश भी अधिकारियों को दिए।
पर्यावरण और जलवायु से सम्बंधी निर्देश
मुख्यमंत्री ने वन पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिया कि राज्य के भीतर वाइल्डलाइफ सैंक्चुअरी के अंतर्गत आने वाले ग्रामीण क्षेत्र के विकास कार्यों की बाधाओं को दूर करें। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि वन क्षेत्र में बसे गांवों में बिजली, पानी, सड़क जैसी बुनियादी सुविधाओं का अपेक्षा अनुरूप विकास कार्य नही हो पा रहा है।
मुख्यमंत्री ने वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिया कि मधुबन से पारसनाथ (सिकर) हिलटॉप तक जोड़ने वाली सड़क के पुनर्निर्माण कार्य की बाधाओं को शीघ्र दूर करें।