सिरम टोली-कांटा टोली कनेक्टिंग फ्लाईओवर निर्माण के लिए आदिवासी सरना स्थल की जमीन नहीं देंगे। यह निर्णय सर्वसम्मति से केंद्रीय सरना समिति के बैनर तले आयोजित आदिवासी संगठनों की बैठक में ली गयी। बैठक सरना स्थल पर हो रहे सरकारी अतिक्रमण पर आक्रोश जताया गया। लोगों ने कहा कि फ्लाइओवर बनाने के बहाने पथ निर्माण विभाग आदिवासी समाज की धार्मिक भावना को ठेस पहुंचा रहा है। केंद्रीय सरना समिति के अध्यक्ष अजय तिर्की ने कहा कि जिस वक्त फ्लाइओवर निर्माण के लिए नक्शा बना था, उसी वक्त इंजीनियर को सरना स्थल और सरहुल पूजा का मुख्य केंद्र होने की जानकारी दी गयी थी। उन्हें बताया गया था कि सरहुल पर यहां लाखों लोग जुटते हैं। बावजूद इंजीनियरों ने फ्लाइओवर निर्माण के नाम पर 10 फीट पूजा स्थल की जमीन की भी मांग की है। लेकिन आदिवासी समाज किसी भी हालत में जमीन नहीं देगा। उन्होंने कहा कि जब भी कहीं सड़क निर्माण होता है तब धार्मिक स्थलों को ध्यान में रखा जाता है और यह कोशिश की जाती है कि धार्मिक स्थल को किसी भी तरह की क्षति न पहुंचे। वर्तमान में सिरमटोली सरना स्थल की जमीन को सड़क चौड़ीकरण के नाम पर विभाग द्वारा अधिग्रहित किया जाना गलत है। कहा कि भूमि अधिग्रहण के खिलाफ आंदोलन तेज किया जायेगा। मालूम हो कि सिरम टोली सरना स्थल से डोरंडा तक फ्लाईओवर निर्माण अंतिम प्रक्रिया में हैं, वहीं कांटा टोली फ्लाईओवर शुरू हो चुका है। इसके बीच में बचे करीब आधे किमी की सड़क पर दोनों फ्लाईओवर को कनेक्ट करने के लिए कनेक्टिंग फ्लाईओवर बनाया जाना है, जिसके लिए सर्वे कार्य पूरा हो चुका है। सोयल टेस्टिंग का काम शुरू हो चुका है। इसके लिए सिरम टोली सरना स्थल की 10 फीट की जमीन ली जानी है। बैठक में रूपचंद तिर्की, नसीम प्रकाश हंस, झरिया उरांव, रोहित हंस, रोशन हंस, रंजन मुंडा, बिरसा मुंडा, अजित उरांव, कृष्णा मुंडा, गेहना कच्छप, सुभानी तिग्गा, सन्नी मिंज आदि शामिल थे।