भागलपुर में किसान सम्मान समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) की 19वीं किस्त किसानों के खातों में भेजी। डीबीटी (प्रत्यक्ष लाभ अंतरण) द्वारा देश के 9.8 करोड़ से अधिक किसानों के खातों में 22 हजार करोड़ रु. से अधिक राशि जमा हुई। इसके साथ अब तक दी राशि 3.68 लाख करोड़ रु. हो गई है। इस मौके पर केंद्र सरकार की योजना में नए बनाए 10 हजार एफपीओ (कृषक उत्पादक संघ) प्रधानमंत्री श्री मोदी ने राष्ट्र को समर्पित किए, वहीं लाखों किसानों व आमजनों की उपस्थिति के बीच बिहार में अनेक विकास कार्यों का शुभारंभ भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया। समारोह को प्रधानमंत्री श्री मोदी के साथ ही बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान, राज्य मंत्री श्री रामनाथ ठाकुर, बिहार के कृषि मंत्री मंगल पांडे ने संबोधित किया। बिहार के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान, केंद्रीय मंत्री जीतनराम मांझी, गिरिराज सिंह, राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह, चिराग पासवान, बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी सहित अन्य मंत्री, सांसद व विधायक उपस्थित थे।
समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि बजट में एक बहुत बड़ी पीएम धन धान्य योजना की घोषणा की गई है। इसके तहत देश के 100 ऐसे जिलों की पहचान की जाएगी, जहां सबसे कम फसल उत्पादन होता है, फिर ऐसे जिलों में खेती को बढ़ावा देने के लिए विशेष अभियान चलाया जाएगा। उन्होंने कहा कि बजट में मखाना किसानों के लिए मखाना बोर्ड बनाने का ऐलान भी किया गया है। ये बोर्ड मखाना उत्पादन, प्रोसेसिंग, वैल्यू एडिशन और मार्केटिंग ऐसे हर पहलू में किसानों की मदद करेगा। श्री मोदी ने कहा कि बीते वर्षों में सरकार के प्रयासों से भारत का कृषि निर्यात बहुत अधिक बढ़ा है। इससे किसानों को उनकी उपज की ज्यादा कीमत मिलने लगी है। श्री मोदी ने कहा कि हमने बीते दशक में किसानों की हर समस्या के समाधान के लिए पूरी शक्ति से काम किया है। आज बिहार की भूमि 10 हजारवें एफपीओ के निर्माण की साक्षी बन रही है। मक्का, केला और धान पर काम करने वाला यह एफपीओ जिला खगड़िया में रजिस्टर हुआ है।
किसान सम्मान समारोह में केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का हृदय से स्वागत करते हुए उनके प्रति आभार भी व्यक्त किया कि प्रधानमंत्री ने छोटे किसानों का दर्द जाना और पीएम किसान सम्मान निधि योजना बनाई। एक ऐसी सौगात, जो पहले कभी नहीं मिली थी। खाद-बीज के लिए किसान सम्मान निधि किसानों के लिए वरदान बन गई है। 2019 में गोरखपुर से किसान सम्मान निधि डालना शुरू की गई थी, आज छठां वर्ष पूरा हुआ है। उन्होंने कहा कि कृषि बजट आज 1.27 लाख करोड़ रु. हैं। 1.95 लाख करोड़ रु. तो प्रधानमंत्री श्री मोदी ने खाद सब्सिडी के दिए हैं। यूरिया की बोरी 266 रु. में आप खरीदते हैं, लेकिन मोदी उसके लिए 1,478 रु. भरते हैं। डीएपी की बोरी 3,083 रु. में आ रही है, लेकिन पीएम मोदी उसे 1,350 रु. में देते हैं। श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि एमएसपी पर बीते 10 साल में 20 लाख करोड़ रु. से ज्यादा की फसल खरीदी श्री मोदी ने की है। इस बजट में प्रधानमंत्री धन-धान्य योजना पीएम मोदी ने बनाई है। 100 जिलों में विशेष योजनाएं बनाई जाएंगी। उन्होंने कहा कि दलहन का किसान भाई उत्पादन करें, पूरी मसूर, उड़द व अरहर सरकार खरीदेगी।
शिवराज सिंह ने कहा कि मखाना उत्पादकों का दर्द प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने देखा तो उन्होंने मखाना बोर्ड बनाने का निर्णय ले लिया। प्रधानमंत्री का संकल्प है विकसित भारत का निर्माण। हम संकल्प लें कि अपनी क्षमता से इसमें योगदान देंगे। उन्होंने कहा कि मैंने किसी नेता के स्वागत में ऐसा उत्साह कभी नहीं देखा, जैसा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आगमन पर भागलपुर की सड़कों पर दिखाई दिया। हमारे बीच प्रधानमंत्री नहीं, हमारे परिवार के मुखिया, सुख-दुख के साथी, आने वाली पीढ़ियों का भविष्य बनाने वाले, विकसित भारत निर्माण करने वाले आए हैं। पटना से दरभंगा तक मोदी की एक झलक पाने के लिए लोग लालायित थे। प्रधानमंत्री के आगमन पर होली व दिवाली मनाई गई।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिहार में विकास कार्यों का शुभारंभ भी किया। बरौनी में बरौनी डेयरी द्वारा 113.27 करोड़ रु. के निवेश से विकसित अत्याधुनिक डेयरी उत्पाद संयंत्र की शुरूआत हुई जिसकी दूध प्रसंस्करण क्षमता लगभग 2 लाख लीटर होगी। राष्ट्रीय गोकुल मिशन के तहत मोतिहारी में 33.80 करोड़ रु. के निवेश से क्षेत्रीय उत्कृष्टता केंद्र (सीओई) का उद्घाटन किया गया ताकि मवेशी प्रजनन और डेयरी उत्पादकता को बढ़ाया जा सकें। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने क्षेत्र में कनेक्टिविटी बढ़ाने व सुगम परिवहन सुविधा प्रदान करने के उद्देश्य से महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचा परियोजनाओं का भी उद्घाटन किया जिनमें वारिसलीगंज-नवादा-तिलैया रेल खंड का दोहरीकरण शामिल हैं, जिसे 526 करोड़ रु.