झारखंड के इतिहास में पहली बार बिना नेता प्रतिपक्ष के पेश होगा बजट - झामुमो का भाजपा पर तंज



झारखंड विधानसभा में तीन मार्च को राज्य का 24 वां बजट पेश किया जायेगा।  नवंबर 2000 में इस राज्य गठन हुआ। 2001 से ही यहां बजट पेश होना शुरू हुआ।  हमलोग चुनाव के पहले या उससे भी पहले, जिस बात की ओर बार-बार इशारा करते थे कि भाजपा इस देश की संघीय ढ़ांच पर हमला करना चाहती है, लोकतंत्र पर हमला करनी चाहती है वह कहीं न कहीं चरिचार्थ होता दिख रहा है। यह बजट पहली बार ऐसा होगा कि सदन में विपक्ष की उपस्थिति के बावजूद विपक्ष का नेता नहीं होगा। क्योंकि भाजपा नहीं चाहती है कि स्वस्थ्य लोकतांत्रिक व्यवस्था को बनायें रखा जाये। लोकसभा में अंतिम समय में विपक्ष जब आवाज उठाता था तो राज्यसभा और लोकसभा मिलाकर लगभग 150 सांसदों को निलंबित करने का काम किया गया। दो-दो लोकसभा सांसदों की सदस्यता छीनी गयी।  यहां पर भी जनादेश आ जाने के बावजूद यहां  अभी तक विपक्ष का नेता नहीं बन पाया। हमारे लिए यह गौरव की बात नहीं है। जनता ने हमें आर्शीवाद दिया है। हम जनता के आकांक्षाओं को पूरा करेंगे मगर संसदीय व्यवस्था में सरकार तभी पूरी होती है जब एक अदद विपक्ष भी साथ होता है। कई-कई सरकारी आयोग, समितियां हैं, नियुक्तियां हैं जिसमें विपक्ष के नेता एक महत्वपूर्ण भूमिका में रहते हैं। वो पूरा नहीं हो पा रहा है। इसके जिम्मेवार कौन है। या तो भाजपा  विधायक अपना नेता चुन लें या सामूहिक इस्तीफा दे दें। यह बातें झामुमो के महासचिव एवं प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने रविवार को आयोजित एक प्रेस वार्ता में कही।

लोकतंत्र समाप्त कर एक दलीय व्यवस्था लाना चाहती है भाजपा

उन्होंने कहा कि कार्यमंत्रणा की समिति बनती है, विधानसभा की समिति बनती है। उसमें नेता विपक्ष नहीं रहता। अजीब विंडबना है। इसके पीछे की सोच यह है कि लोकतंत्र को धीरे-धीरे समाप्त किया जाये ।एक दलीय व्यवस्था हो जाये ।  भारत का संविधान इसकी इजाजत नहीं देता। कल जब बजट आयेगा तो सदन के अंदर नहीं बाहर जैसे मकई भुंजने के बाद जैसी आवाज आती है, वैसे ही आवाज निकलेगी इनकी। 

आज का बजट थ्री-डी बजट होगा

सुप्रियो ने कहा कि  तीन मार्च का बजट थ्री-डी बजट होगा। थ्री-डायमेंशनल बजट होगा।  एक समृद्धि, एक खुशहाली और  एक विकसित झारखंड का होगा। रोजगार, किसान, सामजिक सुरक्षा, स्वास्थ्य, पयर्टन, मूलभूत बुनियादी सुविधाएं सभी का समावेश होगा।

नहीं मिल रहा तो असम के सीएम को लेकर ही आ जायें

उन्होंने कहा कि आज समय है कि दिशा सही नहीं है। लोकतंत्र में यह चीजें नहीं होनी चाहिए। भाड़ा में ही लेकर आइये, असम के सीएम को लेकर आइये, यहां रहें। किसी न किसी सदन के नेता तो हैं हीं। वही आ जायें । विनम्र निवेदन है कि तीन मार्च के बजट पेश करने के पूर्व नेता प्रतिपक्ष जरूर हो।
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