चुनौतियों के बावजूद अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने पर काम
झारखंड विधानसभा में सोमवार को वित्त वर्ष 2025-26 के लिए 1,45,400 करोड़ रुपये का बजट पेश किया गया। वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने सदन में पेश किया। प्रस्तावित बजट का यह आंकड़ा पिछले वर्ष से 13 प्रतिशत अधिक है।
वित्त मंत्री ने कहा कि झारखंड की अर्थव्यवस्था लगातार मजबूत हो रही है। राज्य की आर्थिक विकास दर 2019-20 में 1.1 प्रतिशत थी, जो 2022-23 में 7.8 प्रतिशत और 2023-24 में 7.5 प्रतिशत रही। वर्ष 2025-26 में भी इसके 7.5 प्रतिशत रहने का अनुमान है।उन्होंने कहा कि गठबंधन सरकार ने राजकोषीय घाटा को नियंत्रित करने और कम से कम स्तर तक रखने को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है। बेहतर वित्तीय प्रबंधन से वर्ष 2022-23 में राजकोषीय घाटा को 1.1 प्रतिशत रखने में सफलता मिली है। इससे राज्य के जीडीपी रेशियो में सुधार हुआ है। वित्त वर्ष 2021-22 में यह 30.2 प्रतिशत था, 2022-23 में 28.4 प्रतिशत तथा 2023-24 में 27.7 प्रतिशत रहने का अनुमान है।
वित्त मंत्री ने कहा कि झारखंड ने राजस्व आय (कर और गैर कर राजस्व) में उत्तरोत्तर वृद्धि हासिल की है। वर्ष 2019-20 में राज्य के स्रोत से कुल राजस्व आय 25,521 करोड़ रुपया था, जो वित्त वर्ष 2023-24 में 41,429.88 करोड़ रुपया हो गया और 2025-26 में 61,056.12 करोड़ रुपयए रहने का अनुमान है। सदन में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, मंंत्री और विपक्षी सदस्य भी उपस्थित थे।
वित्त मंत्री ने कहा कि राज्य के विकास कार्यों को वर्तमान सरकार स्थापना व्यय की तुलना में अधिक प्राथमिकता दे रही है। वित्त वर्ष 2024-25 में पूंजीगत परिव्यय के पुनरीक्षित बजट पर 9.06 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 25 हजार 720 करोड़ 41 लाख रुपये पूंजीगत परिव्यय का आंकलन किया गया है। सरकार की ओर से राज्य के आर्थिक स्वास्थ्य को बेहतर करने और भविष्य की पीढ़ी को आर्थिक बोझ की विरासत से बचाने के लिए बेहतर ऋण प्रबंधन किया गया है।
वित्त मंत्री ने कहा कि आधारभूत संरचना के विकास के लिए ऋण लेना सरकार की बाध्यता है। पूर्व में लिए गए ऋणों के भुगतान में भविष्य में संभावित किसी विपरीत आर्थिक स्थिति का सामना करने के लिए वित्त वर्ष 2020-21 से वर्तमान सरकार द्वारा सिंकिंग फंड में लगातार निवेश किया जा रहा है। इस उद्देश्य से अबतक इसमें लगभग 2282 करोड़ रुपये का निवेश किया गया है। इसका उपयोग केवल ऋण भुगतान के लिए ही किया जाएगा। इससे स्वस्थ आर्थिक हित के साथ-साथ राज्य की साख भी बढ़ी है। इस वर्ष इसमें 638 करोड़ 13 लाख रुपये का पुनः निवेश करने का प्रस्ताव है। पुरानी पेंशन योजना का वित्तीय भार कम करने के दृष्टिकोण से पेंशन कोष का गठन किया गया है। इसके लिए वर्ष 2023-24 में 700 करोड़ रुपये एवं 2024-25 में 780 करोड़ रुपये पेंशन कोष में निवेश किए गए। वर्ष 2025-26 में 832 करोड़ रुपये निवेश के लिए बजट प्रस्तावित है।वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार के पांव मजबूती से जमीन पर टिके हैं। इसी विश्वास के साथ वे सदन में एक लाख 45 हजार 400 करोड़ रुपये का सकल बजट अनुमान प्रस्तुत कर रहे हैं जो गत वर्ष से 13 प्रतिशत अधिक है।
बजट में की गई प्रमुख घोषणाएं
- नए डोमेस्टिक एयरपोर्ट और एयर कार्गो हब का होगा निर्माण
- राज्य में एक स्थान से दूसरे स्थान तक की यात्रा और टूरिस्ट सर्किट हेतु हेली सटल सेवा प्रारंभ करने की योजना विचाराधीन है।
- प्रमुख तीर्थ स्थलों और पर्यटक स्थलों को जोड़ना
- हेलीकॉप्टर सटल सर्विस-
- औद्योगिक नीतियों के तहत आगामी वर्ष में 20 हजार करोड़ रुपये का निवेश लाया जाएगा, जिससे राज्य के लगभग 15 हजार लोगों को प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलने की संभावना है।
- जियाडा अन्तर्गत बोकारो, गिरिडीह, काण्ड्रा, सिन्दरी, आदित्यपुर, जसीडीह एवं देवीपुर औद्योगिक क्षेत्रों में आधारभूत संरचना से संबंधित योजनाएँ कार्यान्वित की जाएगी।
- वित्तीय वर्ष 2025-26 में राँची स्मार्ट सिटी क्षेत्र में ग्रीन फिल्ड ओपन साश एवं पार्क का विकास करने की योजना है।
- नये डे-बोर्डिंग क्रीड़ा प्रशिक्षण केन्द्र: 59 नये डे-बोर्डिंग क्रीड़ा प्रशिक्षण केन्द्र खोले जाने का लक्ष्य है।
- जिला मुख्यालयों में बहुद्देशीय इन्डोर स्टेडियम की स्वीकृति प्रदान की गयी है।
- वित्तीय वर्ष 2025-26 में राज्य के वैसे सभी प्रखण्डों जिसमें स्टेडियम नहीं है, उन प्रखण्डों में मॉडल प्राक्कलन पर स्टेडियम का निर्माण कराया जायेगा।
- झारखण्ड उत्कृष्ट खिलाड़ी सीधी नियुक्ति नियमावली: झारखण्ड उत्कृष्ट खिलाड़ी सीधी नियुक्ति (भर्ती एवं सेवाशर्त्त) नियमावली, 2025 बनायी जायेगी।
- पलामू किला का अनुरक्षण:
- खंडोली पर्यटन स्थल का जीर्णोद्धार
- सिदो-कान्दु मुर्मू जन्मस्थली के उन्नयन: साहेबगंज जिलान्तर्गत भोगनाडीह में सिदो-कान्दु मुर्मू जन्मस्थली के उन्नयन एवं सौन्दर्य
- अति उग्रवाद प्रभावित जिला पश्चिम सिंहभूम तथा 04 संवेदनशील जिला यथा- गुमला, लातेहार, लोहरदगा एवं गिरिडीह के विकास में नये आयाम स्थापित कर इन्हें उग्रवाद से मुक्त कराया जायेगा।
- विधि विज्ञान प्रयोगशाला का निर्माण: - अफीम की खेती के विनिष्टिकरण:
- राज्य के काराओं में मोबाइल फोन के उपयोग को रोकने के उद्देश्य से फोर जी सेल फोन जैमर तथा मोबाइल फोन डिटेक्टर का क्रय कर अधिष्ठापन किया जायेगा।
- पीपीपी पर खूँटी, गिरिडीह, जमशेदपुर, धनबाद, देवघर एवं जामताड़ा जिलों में चिकित्सा महाविद्यालय का गठन प्रस्तावित है।
- विद्यार्थियों में विज्ञान विषय के बारे में बेहतर समझ विकसित करने तथा बच्चों में वैज्ञानिक सोच विकसित करने हेतु आगामी वर्षों में विद्यालयों में 1,050 समेकित गणित एवं विज्ञान लैब के अधिष्ठापन का लक्ष्य रखा गया है।
- उच्च एवं तकनीकी शिक्षा को बढ़ावा देने के उद्देश्य से राज्य में जमशेदपुर, गुमला एवं साहेबगंज जिला में नये राजकीय विश्वविद्यालय की स्थापना की योजना तैयार की जा रही है।
- जमशेदपुर, धनबाद एवं दुमका में तीन नये तकनीकी विश्वविद्यालय की स्थापना का प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है।
- राज्य में व्यावसायिक शिक्षा को बढावा देने के उद्देश्य से 02 नये विश्वविद्यालय यथा- स्कील यूनिवर्लिटी और फिन टेक यूनिवर्ससिटी की स्थापना का प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है।
- महात्मा गाँधी नरेगा योजना अन्तर्गत 12 करोड मानवदिवस रोजगार सृजित करने का लक्ष्य
- 2 हजार सखी मंडलों को चक्रीय निधि की राशि तथा 35 हजार स्वयं सहायता समूहों को कैश क्रेडिट हेतु बैंक लिंकेज की सुविधा प्रदान की जाएगी।
- लगभग 2 लाख अतिरिक्त महिला किसानों को आजीविका संबंधी गतिविधियों से जोड़ा जाएगा।
- वृहद् एवं मध्यम सिंचाई प्रक्षेत्र अन्तर्गत वित्तीय वर्ष 2025-26 में 779 करोड़ 20 लाख का योजना प्रस्ताव तैयार किया गया है।
- वित्तीय वर्ष 2025-26 में 352 चेकडैम, 3 वीयर एवं 10 सोलर उद्वह सिंचाई योजनाओं का निर्माण एवं 185 मध्यम सिंचाई योजनाओं का पुनर्स्थापन कार्य पूर्ण करने का लक्ष्य है।