बोकारो विधायक श्वेता सिंह ने विस्थापितों का मुद्दा  विदानसभा में उठाया, सीएम ने दिया आश्वासन



बोकारो विधायक श्वेता सिंह ने विधानसभा में सेल द्वारा अधिग्रहित भूमि से जुड़े विस्थापितों का मुद्दा विधानसभा के बजट सत्र में उठाया। उन्होंने सेल की अधिग्रहीत भूमि पर बसे पुराने गांवों में बुनियादी सुविधाओं की कमी की ओर सदन का ध्यान आकृष्ण किया।। उन्होंने कहा कि विस्थापित ग्रामीणों को अब तक मूलभूत सुविधाएं नहीं मिल पाई हैं, जिससे वे खानाबदोश जैसी जिंदगी जीने को मजबूर हैं। इन गांवों को पंचायत सूची में शामिल नहीं किया गया है, जिससे 50-60 हजार की आबादी सरकारी योजनाओं से वंचित है।
श्वेता सिंह के सवाल पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने जवाब देते हुए कहा कि इन गांवों को पंचायती राज व्यवस्था में शामिल करने के लिए केंद्र सरकार से बातचीत करनी होगी। हालांकि, सरकार अधिग्रहित गांवों में बुनियादी सुविधाएं बहाल करने के लिए प्रतिबद्ध है और इसके लिए जल्द ही सेल प्रबंधन से चर्चा की जाएगी। मुख्यमंत्री ने बताया कि सेल के अधिकारी आज उनसे मुलाकात करने आ रहे हैं और अधिग्रहित इलाकों के रखरखाव व सुविधाओं की बहाली को लेकर उनसे बातचीत की जाएगी।
झरिया विधायक रागिनी सिंह ने सदन में धनबाद नगर निगम में शामिल 27 गांवों को अलग करने की मांग उठाई। उन्होंने कहा कि इन गांवों को निगम क्षेत्र में शामिल किये हुए 15 साल हो गये हैं। लेकिन अब तक यहां बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध नहीं कराई गयी हैं।
इस पर जवाब देते हुए विभागीय मंत्री सुदिव्य कुमार सोनू ने कहा कि गांवों को निगम क्षेत्र से बाहर करना समाधान नहीं है, बल्कि सरकार की प्राथमिकता वहां आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराना होगा। उन्होंने आश्वासन दिया कि सरकार इस दिशा में जल्द कदम उठाएगी।
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