झारखंड विधानसभा के बजट सत्र में कांग्रेस विधायक प्रदीप यादव ने पेयजल एवं स्वच्छता विभाग में 100 करोड़ रुपये के घोटाले का मुद्दा उठाया। इस मुद्दे पर सदन में गर्मागर्म बहस भी हो गयी।
विधायक प्रदीप यादव ने पूछा कि स्वर्णरखा परियोजना के अधीन शीर्ष कार्य प्रमंडल में फर्जी खाता खोलकर करोड़ों रुपये की फर्जी निकासी का मामला वित्त विभाग की जांच रिपोर्ट में आया है। रांची और लोहरदगा में कार्यपालक अभियंता ने एल एंड टी कंपनी की जगह रोकड़पाल के खाते में बिल भुगतान कर बंदरबांट किया है। इस मामले में मुख्य अभियंता प्रभात कुमार सिंह, कार्यपालक अभियंता चंद्रशेखर समेत अन्य अभियंताओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने की भी उन्होंने बात कही।
इस पर प्रभारी मंत्री योगेंद्र प्रसाद ने कहा कि चलते सत्र में जांच कर सभा को अवगत कराया जायेगा। सत्ता पक्ष की ओर से ही झामुमो विधायक स्टीफन मरांडी ने कहा कि कार्यपालक अभियंता को बचाने की साजिश चल रही है। स्टीफन मरांडी का साथ देते हुए कांग्रेस विधायक रामेश्वर उरांव ने कहा कि कार्रवाई को तीन तरीके से पेश किया जाता है। पहला फंसा दो, दूसरा धंसा दो और तीसरा दूध का दूध और पानी का पानी कर दो। उन्होंने कहा कि इस मामले में धंसा दो वाला काम हो रहा है। इसका मतलब है कि अधिकारी को बचाया जा रहा है।