झारखंड की शिक्षा व्यवस्था पर नीरा यादव ने उठाया सवाल, कहा- 7642 स्कूलों में केवल एक ही शिक्षक 



झारखंड विधानसभा के बजट सत्र में चर्चा के दौरान भाजपा की विधायक डॉ. नीरा यादव ने स्कूली और शिक्षा विभाग की अनुदान मांग पर वाद-विवाद में भाग लेते हुए राज्य की शिक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाया। डॉ नीरा यादव ने कहा कि राज्य में स्कूल खस्ताहाल स्थिति में हैं। केंद्र सरकार के आंकड़ों के अनुसार यहां 7642 स्कूलों में केवल एक शिक्षक कार्यरत है। ऐसे स्कूलों राज्य के नौनिहालों का क्या भविष्य होगा। यह सर्वविदित है। उन्होंने सदन को बताया कि इन स्कूलों में राज्य के तीन लाख 78 हजार बच्चे पढ़ते हैं। विधायक ने कहा कि यूडाइस ट्रस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक राज्य के 327 स्कूलों में एक भी बच्चे नामांकित नहीं हैं, जबकि इन स्कूलों में 1753 शिक्षकों को सरकार बैठाकर वेतन दे रही है।
नीरा यादव ने कहा कि सरकार आरोप लगाती है कि हमारे शासन में कई स्कूल बंद करा दिए गए, जबकि हमलोगों ने उन्हीं स्कूलों को बंद किया, जिनमें बच्चे नहीं थे। इन स्कू‍लों का विलय हमलोगों ने पास के स्कूलों में कर दिया। उन्होंंने कहा कि वर्ष 2015 से लेकर 19-20 तक जितने शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया शुरू की गई उनमें से एक शिक्षक की नियुक्ति भी मौजूदा सरकार ने नहीं किया। जिन शिक्षकों की नियुक्ति कर सरकार अपना पीठ थपथपा रही है उनकी नियुक्ति प्रक्रिया पेंडिंग में थी। उन्होंने स्कूलों में बालिकाओं के बढ़ते ड्रॉप आउट पर चिंता जताया।
विधायक ने कहा कि यहां के बच्चे स्कूल में बोरा लेकर स्कूल जाते थे, जिससे निजात हमलोगों की सरकार ने दिलाई। इसके अलावा बच्चे घर थाली बजाते हुए स्कूल पढ़ने जाते थे। ये सभी व्यवस्था में सुधार पूर्व की हमारी सरकार में हुआ। बच्चों को बेंच-डेस्‍क, शैचालय और पेयजल की व्यावस्था हमलोगों ने कराया। उन्होंंने कहा कि शिक्षकों पर काम का बोझ डाल दिया गया और काम नहीं करने पर वेतन रोकने तक की धमकी दी जाती है। उन्होंने कहा कि‍ राज्य में 26 हजार शिक्षकों की नियुक्ति का मामला लटका हुआ है। 17 वर्षों से शिक्षकों की प्रोन्नति का मामला अटका पड़ा है। राज्य के विश्विवद्यालयाें में वीसी नहीं हैं। नैक की कार्यशाला नहीं होने से कॉलेजों की ग्रेडिंग नहीं बढ़ पा रही है।
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