विधायक नवीन जायसवाल ने पेयजलापूर्ति योजना पूरी नहीं होने का मामला अल्पसूचित प्रश्न के माध्यम से सदन में उठाया। कहा कि भारत सरकार की महत्वाकांक्षी जल जीवन मिशन योजना के तहत 31 दिसम्बर, 2024 तक हर ग्रामीण के घर में नल से शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने का उद्देश्य था। परन्तु अभी तक यह योजना पूरी नहीं हो पायी है। इस योजना के तहत राज्य में कुल 62.54 लाख घरों में शुद्ध जल पहुंचाने की थी। परन्तु अभी तक सिर्फ 34.16 लाख घरों तक ही नल से जल पहुंचाने का कार्य किया गया है, बाकि शेष घरों में अभी तक शुद्ध पेयजल नहीं पहुंच पाया है। इस पर मंत्री योगेंद्र प्रसाद ने कहा कि जल जीवन मिशन अन्तर्गत झारखण्ड में कुल 62,55,676 घरों तक पेयजलापूर्ति की जानी है। इसे विरूद्ध अबतक 34,24,311 अदद् घरों में पेयजलापूर्ति की गयी है। शेष घरों में पेयजलापूर्ति किये जाने के लिए विभिन्न जलापूर्ति योजनाएं निमार्णाधीन है। जल जीवन मिशन अन्तर्गत चालू वित्तीय वर्ष (2024-25) में भारत सरकार से केन्द्रांश की राशि अप्राप्त है। जिसके कारण निमार्णाधीन योजनाओं का कार्य बाधित है। मंत्री ने कहा कि पूरी परियोजना 24665 करोड़ की है। 5810 करोड़ रुपए राज्यांश के रूप में खर्च हो चुके हैं। 5917 करोड़ केंद्रांश के रूप में मिला है। वित्तीय वर्ष 2024-25 में केंद्रांश का एक भी रूपया नहीं मिला है। नवीन जी नीरव मोदी का कैलकुलेटर लेकर बैठे हैं। इस पर नवीन जायसवाल ने कहा कि केंद्र एडवांस नहीं देता है। कंप्लीशन सर्टिफिकेट के बाद पैसा मिलता है। 50 फीसदी काम किया है तो 100 फीसदी पैसा कहां से मिलेगा। उन्होंने वैल्पिक व्यवस्था के तहत पेयजल उपलब्ध कराने के लिए एचवाइडीटी लगाने की मांग की। इस पर मंत्री ने कहा वैकल्पिक व्यवस्था के तहत एचवाइडीटी लगाने पर विचार करेंगे।