राज्य का वन विभाग राजस्व मॉडल तैयार करने में जुट गया है। इसमें पर्यावरण संरक्षण के साथ आर्थिक विकास को रफ्तार दी जायेगी। वानिकी और वन्यजीव क्षेत्र में कार्बन क्रेडिट की क्षमता का दोहन करने के उद्देश्य से एक परिवर्तनकारी पहल शुरू की गयी है। इसके तहत जंगल और गैर वन क्षेत्र में कार्बन क्रेडिट का आकलन, मूल्यांकन, प्रबंधन और मुद्रीकरण का काम होगा। प्रोजेक्ट मैनेजमेंट यूनिट को राज्य के वन और गैर-वन क्षेत्रों में कार्बन क्रेडिट के व्यापक आकलन, मूल्यांकन, प्रबंधन और मुद्रीकरण का काम सौंपा जायेगा। इसका मुख्य उद्देश्य अंतरराष्ट्रीय कार्बन बाजारों में प्रवेश करना है। पीएमयू कार्बन परियोजनाओं के पूरे जीवन चक्र की देखरेख के लिए जिम्मेदार होगी। इसमें क्षमता का मानचित्रण, व्यवहार्यता का संचालन, खाता खोलना, सूचीबद्ध करना, सत्यापन, पंजीकरण, सत्यापन और क्रेडिट की बिक्री शामिल है। परियोजनाओं को विभिन्न स्वैच्छिक कार्बन रजिस्ट्रियों जैसे वीरा, गोल्ड स्टैंडर्ड, ग्लोबल कार्बन काउंसिल, प्लान विवो, पेरिस एग्रीमेंट क्रेडिटिंग मैकेनिज्म आदि पर पंजीकृत किया जाएगा।
अंतरराष्ट्रीय कार्बन बाजार में झारखंड की बढ़ाई जायेगी भागीदारी
अंतरराष्ट्रीय कार्बन बाजार में झारखंड की भागीदारी को बढ़ाने के लिए डिज़ाइन की गयी है, जिससे राज्य वैश्विक जलवायु परिवर्तन शमन प्रयासों में अधिक महत्वपूर्ण रूप से योगदान दे सके। परियोजना का उद्देश्य यह भी है कि सरकारी एजेंसियों, स्थानीय समुदायों और गैर-सरकारी संगठनों सहित हितधारकों के बीच दीर्घकालिक क्षमता का निर्माण करना है, जिससे कार्बन क्रेडिट प्रक्रियाओं में निरंतर भागीदारी और विशेषज्ञता सुनिश्चित हो सके। साथ ही पर्यावरण संरक्षण को आर्थिक विकास के साथ जोड़कर एक ऐसा मॉडल तैयार किया जायेगा जो पूरे भारत और उसके बाहर इसी तरह के प्रयासों को प्रेरित कर सके।
क्या होगा इस प्रोजेक्ट में
- संपूर्ण कार्बन क्रेडिट परियोजना चक्र का प्रबंधन करने के लिए परामर्शदाता की होगी नियुक्ति
- परियोजनाओं के पंजीकरण के लिए कार्बन ऑफसेट मानक/रजिस्ट्री को दिया जायेगा अंतिम रूप
- परामर्शदाता द्वारा योजना मूल्यांकन रिपोर्ट पेश किया जायेगा
- किसी तृतीय पक्ष द्वारा चयनित कार्बन ऑफसेट मानक के अंतर्गत योजना का सत्यापन होगा
- कार्बन ऑफसेट मानक बोर्ड के पास सत्यापित योजना दस्तावेज पेश किया जायेगा
- रजिस्ट्री अधिकारी द्वारा समीक्षा के बाद योजना के खाते में कार्बन क्रेडिट जारी की जायेगी
- खुले बाजार में कार्बन क्रेडिट की बिक्री तथा उसके मूल्य की प्राप्ति होगी