राजयकर्मियों के लिए लागू की गई स्वास्थ्य बीमा योजना में सत्यापन की चाल धीमी हो गई है। कर्मियों का कार्ड भी जारी हो गया है। डीडीओ की सुस्त चाल से कर्मियों के साथ आश्रितों का भी सत्यापन नहीं हो पा रहा है। जानकारी के अनुसार 70 हजार से अधिक कर्मियों के साथ आश्रितों का वेरिफिकेशन डीडीओ के स्तर पर लंबित हो गया है। बीमा योजना के कवरेज में शामिल होने वाले राज्यकर्मियों से प्रतिमाह 500 रुपए की कटौती भी की जा रही है।
कर्मिय़ों के आश्रितों के इलाज पर संशय
डीडीओ लेवल पर सत्यापन नहीं होने से कर्मियों के आश्रितों के इलाज पर भी संशय खड़ा हो गया है। इसकी वजह यह है कि जब तक डीडीओ स्तर से कर्मियों के आश्रितों का सत्यापन नहीं हो जाता, तब तक आश्रितों का इलाज नहीं हो पाएगा। जानकारी के अनुसार अब तक लगभग 50 हजार कर्मियों के साथ उनके आश्रितों का वेरिफिकेशन हो पाया है।
24 से 48 घंटे के अंदर पूरी की जानी है सत्यापन की प्रक्रिया
बीमा का लाभ पाने के लिए डीडीओ स्तर से 24 से 48 घंटे के अंदर सत्यापन की प्रक्रिया पूरी की जानी है। कर्मी जिस विभाग से जुड़ा होगा, उस विभाग के डीडीओ के पास ऑनलाइन वेरिफेशन होगा। इसके लिए स्टेट इंप्लोई हेल्थ इंश्योरेंस के साइट पर पूरा विवरण अपलोड करनै होता है।
क्या है योजना का फैक्ट फाइल
- राज्यकर्मियों राज्य सरकार ने राज्यकर्मियों और उनके परिजनों के लिए स्वास्थ्य बीमा शुरू की है।
- सरकारी कर्मी के साथ उनके आश्रितों को भी सामान्य बीमारी में प्रति वर्ष पांच लाख और गंभीर बीमारी में 10 लाख रुपए तक के कैशलेश इलाज की सुविधा प्राप्त होगी।
- 1.75 लाख राज्यकर्मियों और 2.25 लाख सेवानिवृत्त कर्मियों को मिलना है लाभ
- स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत लगभग 1.75 लाख राज्यकर्मियों और 2.25 लाख सेवानिवृत्त कर्मियों को लाभ मिलना है।
- अखिल भारतीय सेवाओं के सेवारत या सेवानिवृत्त पदाधिकारी एवं कर्मी, विधानसभा के पूर्व सदस्य, पदाधिकारी-कर्मचारी, विभिन्न बोर्ड-निगम और संस्थानों में काम करने वाले या सेवानिवृत्त कर्मी भी अपनी इच्छा के आधार पर योजना का कवरेज ले सकते हैं।
योजना के लिए सरकार ने किए हैं ये प्रावधान
योजना के कार्यान्वयन के लिए राज्य सरकार आकस्मिकता निधि से 150 करोड़ रुपये की राशि का उपयोग करेगी, जबकि 50 करोड़ रुपये बफर स्टॉक के रूप में राज्य आरोग्य सोसायटी के ट्रस्ट में रखे जाएंगे। सरकार ने इस योजना के लिए टाटा एआईजी जनरल इंश्योरेंस कंपनी के साथ करार किया है।