राज्य सरकार ने छोटानागपुर काश्तकारी अधिनियम (सीएनटी) के तहत अनुसूचित जनजाति की भूमि वापसी के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। राज्य के राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री दीपक बिरूआ को पीठासीन पदाधिकारी के रूप में नियुक्त किया गया है, जो सीएनटी से आच्छादित भूमि वापसी के मामलों की सुनवाई और निष्पादन करेंगे।
क्या है सीएनटी एक्ट?
छोटानागपुर काश्तकारी अधिनियम 1908 की धारा 49(5) के तहत अनुसूचित जनजाति के लोगों की भूमि की सुरक्षा का प्रावधान है। इस अधिनियम के तहत भूमि वापसी के मामलों की सुनवाई और निष्पादन के लिए पीठासीन पदाधिकारी की नियुक्ति की गई है। भू-राजस्व विभाग ने इस संबंध में अधिसूचना जारी कर दी है। इस पहल से अनुसूचित जनजाति के लोगों की भूमि की सुरक्षा और वापसी के मामलों में तेजी आने की उम्मीद है।
नियुक्ति की शर्तें
पीठासीन पदाधिकारी के रूप में दीपक बिरूआ का कार्यकाल राजकीय गजट में प्रकाशन की तिथि से नए पीठासीन पदाधिकारी का नाम प्रकाशित होने तक रहेगा। निष्पादित वाद को कार्यपालिका नियमावली के नियम 24 के तहत राज्यपाल और मुख्यमंत्री के संज्ञान में लाया जाएगा।