आर्थिक सर्वेक्षणः बढ़ती जा रही झारखंड के ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के बीच आर्थिक खाई



 झारखंड सरकार के आर्थिक सर्वेक्षण 2024-25 के अनुसार, राज्य में प्रति व्यक्ति खर्च में वृद्धि हुई है। ग्रामीण क्षेत्रों में प्रति व्यक्ति खर्च 2,946 रुपये प्रति माह है, जबकि शहरी क्षेत्रों में यह खर्च 5,393 रुपये प्रति माह है। इसका खुलासा झारखंड सरकार के इकोनॉमी सर्वे के कैपिटा एक्सपेंडिचर एंड कंजप्शन इन इक्वावलिटी( झारखंड में प्रति माह प्रति व्यक्ति खर्च और उपभोग में अंतर) सेक्शन में किया गया है। 

ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में खर्च का अंतर भी बढ़ा

ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में प्रति व्यक्ति खर्च का अंतर बढ़ रहा है। वर्ष 2022-23 में यह अंतर 78 प्रतिशत था, जो वर्ष 2023-24 में बढ़कर 83 प्रतिशत हो गया है।

गरीब और अमीर के बीच बढ़ती जा रही दूरी

शहरी क्षेत्रों में रहने वाले सबसे गरीब 10 प्रतिशत लोगों का प्रति माह खर्च 2,215 रुपये है, जबकि सबसे अमीर 10 प्रतिशत लोगों का प्रति माह खर्च 8,315 रुपये है। यह दर्शाता है कि गरीब और अमीर के बीच बड़ा अंतर है।

भोजन और अनाज के खर्च पर भी अंतर

ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोग अनाज और भोजन पर शहरी क्षेत्रों के लोगों से अधिक खर्च करते हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में 48 प्रतिशत खर्च भोजन पर होता है, जबकि शहरी क्षेत्रों में यह खर्च 42 प्रतिशत है।

क्या है ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में अनाज की खपत

  • ग्रामीण क्षेत्रों में अनाज की खपत: 9.93 किलोग्राम प्रति माह
  • शहरी क्षेत्रों में अनाज की खपत: 9.59 किलोग्राम प्रति माह
  • ग्रामीण क्षेत्रों में चावल की खपत: 68.36 प्रतिशत
  • शहरी क्षेत्रों में चावल की खपत: 56.97 प्रतिशत

ग्रामीण क्षेत्रों में अनाज की खपत:

  • चावल: 68.36%
  • गेहूं: 31.34%
  • खुरदुरे अनाज: 0.25%

शहरी क्षेत्रों में अनाज की खपत:

  • चावल: 56.97%
  • गेहूं: 42.97%
  • खुरदुरे अनाज: 0.03%
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