झारखंड के सरकारी स्कूलों में पढ़ाई का तरीका अब बदलने जा रहा है। राज्य सरकार ने 2026 से नया पाठ्यक्रम लागू करने की तैयारी शुरू कर दी है। इस बदलाव का उद्देश्य बच्चों में सीखने की क्षमता बढ़ाना और उन्हें अपने राज्य के गौरवशाली इतिहास और संस्कृति से जोड़ना है।
नया पाठ्यक्रम: स्थानीय संदर्भों से जुड़ाव
नए पाठ्यक्रम में झारखंड के इतिहास, संस्कृति और महापुरुषों को प्रमुखता दी जाएगी। इसमें गुरुजी शिबू सोरेन की जीवनी, उनके आंदोलनों और योगदान को शामिल किया जाएगा। इसके अलावा, राज्य के प्रसिद्ध खिलाड़ियों जैसे महेंद्र सिंह धौनी की जानकारी भी बच्चों को दी जाएगी।
सीखने की कला पर जोर
नए पाठ्यक्रम में बुनियादी साक्षरता, समझ और सीखने की कला को विशेष महत्व मिलेगा। 'लर्निंग आउटकम' को ध्यान में रखते हुए पूरे सिलेबस को दोबारा डिज़ाइन किया जाएगा। झारखंड शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद इस काम की अगुवाई करेगा।
पुस्तक वितरण की नई व्यवस्था
राज्य सरकार अब पश्चिम बंगाल की तरह किताबों का वितरण करेगी। अप्रैल 2026 से झारखंड के सभी सरकारी स्कूलों में एक साथ किताबें पहुंचाई जाएंगी। अप्रैल के पहले पखवाड़े में ही पुस्तक वितरण का काम पूरा कर लिया जाएगा।
फैक्ट फाइल
- 2026 से नया पाठ्यक्रम लागू: कक्षा 1 से 4 तक के सिलेबस में बदलाव किया जाएगा, इसके बाद 2027 से कक्षा 5 से 8 तक के सिलेबस में बदलाव होगा।
- स्थानीय संदर्भों से जुड़ाव: झारखंड के इतिहास, संस्कृति और महापुरुषों को प्रमुखता दी जाएगी।
- सीखने की कला पर जोर: बुनियादी साक्षरता, समझ और सीखने की कला को विशेष महत्व मिलेगा।
- पुस्तक वितरण की नई व्यवस्था: अप्रैल 2026 से झारखंड के सभी सरकारी स्कूलों में एक साथ किताबें पहुंचाई जाएंगी।