थाने की वैधता समाप्त करने के मामले में कानूनी सलाह लेने का फैसला
झारखंड मंत्रालय़ में लगभग पांच घंटे चली टीएसी(जनजातीय परामर्शदात्री परिषद)) की बैठक में मेसा का प्रस्ताव स्थगित करने का फैसला लिया गया। बैठक के बाद टीएसी के मेंबर सह विधायक स्टीफन मरांडी ने कहा कि मेसा का प्रस्ताव फिलहाल स्थगित कर दिया है। इसमें प्रस्ताव यह था कि नगर निगम और नगरपालिका पर चुनी हुई सदस्यों की समिति की अनुशंसा मानना बाध्यकारी नहीं होगा। इसे ही स्थगित कर दिया गया है। बताते चलें कि फिलहाल पहले की तरह अब भी शिड्यूल एरिया में नगर निगम और नगरपालिका चुनी हुई समिति की अनुशंसा मानने के लिए बाध्य होगी.
थाना क्षेत्र की बाध्यता समाप्ति पर ली जाएगी कानूनी सलाह
टीएसी की बैठक में आदिवासियों के बीच जमीन की खरीद बिक्री में मामले में थाना की बाध्यता समाप्त करने के मामले में कानूनी सलाह लेने का फैसला लिया गया। स्टीफन मरांडी ने बताया कि इस मामले में पुलिस और रेवेन्यू मामलों के साथ रैयतों का खतियान भी देखा जाएगा। सदस्यों ने सीएनटी एक्ट लागू होने के समय गठित तीन थानों को ही पुनः प्रभावी बनाने का समर्थन किया। हालांकि इसे लागू कैसे किया जाएगा, इस पर अंतिम निर्णय कानूनी राय मिलने के बाद लिया जाएगा। सरकार लीगल ओपिनियन लेने के बाद पुलिस और रैयती थानों के परिसीमन से जुड़े मामलों को सुलझाएगी। इसके बाद इस प्रस्ताव को अगली टीएसी बैठक में मंजूरी के लिए लाया जाएगा।
आदिवासी बहुल क्षेत्र में शराब दुकान खोलने पर ग्रामसभा की अनुमति अनिवार्य
टीएसी की बैठक निर्णय लिया गया कि शिड्य़ूल एरिया के आदिवासी बहुल ग्राम पंचायतों में शराब की दुकान या बार खोलने के ग्राम सभा का फैसला अंतिम होगा. उन्होंने कहा कि फाइव स्टार होटल हो या इंटरनेशनल होटल, ग्रामसभा की अनुमति अनिवार्य होगी।
संशोधन के बाद ही पेसा नियमावली का गठन
पेसा अधिनियम से जुड़ी नियमावली को लेकर बताया गया कि पहले जेपीआर-1 में संशोधन किया जाएगा, उसके बाद ही पेसा नियमावली का गठन किया जाएगा।
खड़काई डैम के जलस्तर को कम करने का निर्णय
खड़काई डैम से जुड़े मामलों में, डैम का जलस्तर कम करने पर विचार हुआ ताकि प्रभावित गांवों की संख्या घटाई जा सके। इसके लिए संबंधित अधिकारियों को होमवर्क करने का निर्देश दिया गया है।
टीएसी की वैधता पर चर्चा
बैठक में टीएसी की वैधता को लेकर उठे सवालों पर भी चर्चा हुई। स्टीफेन मरांडी ने जानकारी दी कि महाधिवक्ता से राय ली गई है और वर्तमान टीएसी को वैध माना गया है। इस पर महाधिवक्ता से भी राय ली गई थी, जिसमें इसे वैध ठहराया गया है। स्टीफन मरांडी ने टीएसी के नियमावली बदलाव कर राज्यपाल के अधिकार में कटौती करने को सही करार दिया. उन्होंने कहा कि ऐसा महाधिवक्ता से कानूनी राय लेने के बाद किया गया है.