झारखंड में 15774 आंगनबाड़ी केंद्रों का भवन ही नहीं है। ये आंगनबाड़ी केंद्र किराये के भवन और सरकारी भवनों में संचालित किए जा रहे हैं। इसका खुलासा समाज कल्याण निदेशालय की रिर्पोट में हुआ है। राज्य योजना के तहत आंगनबाड़ी केन्द्र भवन निर्माण योजना के कार्यान्वयन की स्वीकृति एवं वित्तीय वर्ष-2025-26 तक कुल 2500 आंगनबाड़ी केन्द्र भवन के निर्माण के लिए 277.32 करोड़ रुपए की स्वीकृति दी गई है।
राज्यभर में संचालित हैं 38,432 आंगनबाड़ी केंद्र
राज्यभर में 224 बाल विकास परियोजना अधीन कुल 38,432 आंगनबाड़ी और लघु आंगनबाड़ी केंद्र कार्यशील है। इन आंगनबाड़ी केंद्रो के माध्यम से 06 वर्ष तक के बच्चों, गर्भवती महिलाओं, धातृ माताओं तथा किशोरी बालिकाओं को विभिन्न केन्द्र प्रायोजित एवं राज्य प्रायोजित सेवाएँ उपलब्ध कराई जा रही है। इनमें पोषण, स्वास्थ्य, स्वच्छता, प्रतिरक्षा, शाला पूर्व शिक्षा, संदर्भ सेवाएँ आदि शामिल हैं। इन केंद्रों को माध्यम से लाभूकों के लिए पोषाहार की उपलब्धता, नियमित स्वास्थ्य जाँच, टीकाकरण जैसी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाती है।
किस योजना के तहत कितने आंगनबाड़ी केंद्रो का होगा निर्माण
• मनरेगा अभिसरण में केन्द्र प्रायोजित मिशन सक्षम आँगनबाड़ी एवं पोषण 2.0 के तहत 9480 आंगनबाड़ी केंद्रों का निर्माण किया जाएगा।
• राज्य मद से आंगनबाड़ी केन्द्र भवन निर्माण योजना के तहत 2500 आंगनबाड़ी केंद्रों का निर्माण किया जाएगा।
• डीएमएफटी और सीएसआर मदों से 3794 आंगनबाड़ी केंद्रों का निर्माण किया जाएगा।
एक आंगनबाड़ी केंद्र के भवन निर्माण में खर्च होता है 11.8 लाख
एक आंगनबाड़ी केंद्र के भवन निर्माण में 11 लाख आठ हजार 200 रुपए का खर्च आता है। इसमें सिविल वर्क में आठ लाख 23 हजार 11 रुपए की लागत आती है। वाटर सप्लाई और सेनेटरी वर्क में 76,841 रुपए की लागत आती है। सेप्टिक टैंक और शॉकपीट के निर्माण में 30 हजार रुपए खर्च होता है। जीएसटी में एक लाख 67 हजार 473 रुपए और लेबर सेस में एक 10972 रुपए खर्च आता है।