पेसा कानून जल्द हो, रघुवर दास ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को पत्र लिखकर उठायी मांग



झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा नेता रघुवर दास ने राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को पत्र लिखकर झारखंड में पेसा कानून को शीघ्र अधिसूचित कर लागू करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यह कानून जनजातीय समाज की आत्मा, पहचान और स्वशासन की मूल भावना से जुड़ा हुआ है।

पत्र के जरीए दिया सुझाव

पूर्व सीएम रघुवर दास ने पत्र के जरीए सुझाव दिया कि यदि झारखंड सरकार पेसा कानून को पूर्ण रूप से लागू करती है, तो ग्रामसभा को यह अधिकार मिल सकता है कि वह सरना समाज की परंपराओं, सांस्कृतिक पहचान और सामुदायिक संसाधनों को ‘सरना कोड’ के रूप में प्रस्तावित करे।

पेसा कानून के महत्व का भी किया उल्लेख

पत्र में पूर्व सीएम ने पेसा कानून के महत्व का भी जिक्र किया है। कहा है कि  पेसा कानून जनजातीय समाज को स्वशासन का अधिकार देता है। यह कानून जनजातीय समुदायों की सांस्कृतिक पहचान और परंपराओं का संरक्षण करने में मददगार होगा। पेसा कानून लागू होने से ग्रामसभा को विशेष शक्तियाँ मिलेंगी, जिससे वे अपने क्षेत्र की सांस्कृतिक पहचान और पारंपरिक विवाद समाधान पद्धतियों को संरक्षित कर सकेंगे।

पूरी प्रक्रिया का किया जिक्र

पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास पत्र में पूरी प्रक्रिया का जिक्र करते हुए कहा कि 2018 में पेसा नियमावली का प्रारूप तैयार करने की प्रक्रिया शुरू की गई थी, लेकिन सरकार परिवर्तन के बाद यह काम वर्तमान सरकार के अधीन आ गया। जुलाई 2023 में  मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की सरकार ने पेसा नियमावली का प्रारूप प्रकाशित किया और आम नागरिकों से आपत्तियाँ, सुझाव और मंतव्य आमंत्रित किए। अक्टूबर 2023 में ट्राइबल एडवाइजरी कमेटी की बैठक हुई जिसमें नियम संगत सुझावों और आपत्तियों को स्वीकार करते हुए संशोधन किया गया।  मार्च 2024 में संशोधित प्रारूप विधि विभाग को भेजा गया, जहां से विधि विशेषज्ञों और महाधिवक्ता की सहमति प्राप्त हुई।

पेसा कानून पर रघुवर दास की चिंता

पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि झारखंड सरकार पेसा कानून को लागू करने में देरी कर रही है, जबकि यह कानून जनजातीय समाज के लिए बहुत जरूरी है। उन्होंने सवाल उठाया कि सरकार किस कारणवश अधिसूचना जारी नहीं कर रही है। झारखंड हाईकोर्ट ने भी इस नियमावली को अधिसूचित करने का निर्देश दिया था।
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