आदिवासी रूढ़ि सुरक्षा संघ ने पेसा कानून लागू करने की मांग को लेकर जिला स्कूल से राजभवन तक मार्च किया। मार्च में सैंकड़ों की संख्या में लोग शामिल थे, जिन्होंने सरकार पर पेसा लागू करने के लिए दबाव बनाया। मार्च में शामिल लोगों ने कहा कि पेसा कानून लागू होने से आदिवासी समाज के अधिकारों की रक्षा होगी साथ ही ग्रामसभा की मजबूती होगी। उन्होंने कहा कि सरना समाज की रूढ़ि प्रथा की रक्षा और इसे मजबूत करना उनका मकसद है। आंदोलनकारी विभिन्न संगठनों से जुड़े हुए हैं और वे लंबे समय से पेसा कानून लागू करने की मांग कर रहे हैं।
अब तक पेसा कानून लागू करने के लिए क्या- क्या हुआ
- 2018 में पेसा नियमावली का प्रारूप तैयार करने की प्रक्रिया शुरू की गई थी और 14 विभागों से मंतव्य मांगे गए थे।
- जुलाई 2023 में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की सरकार ने पेसा नियमावली का प्रारूप प्रकाशित किया और आम नागरिकों से आपत्तियाँ, सुझाव और मंतव्य आमंत्रित किए।
- अक्टूबर 2023 में ट्राइबल एडवाइजरी कमेटी की बैठक हुई, जिसमें नियम संगत सुझावों और आपत्तियों को शामिल करते हुए संशोधन किया गया।
- संशोधित प्रारूप मार्च 2024 में विधि विभाग को भेजा गया, जहां से विधि विशेषज्ञों और महाधिवक्ता की सहमति प्राप्त हुई।