पूर्वी क्षेत्रीय परिषद् की 27वीं बैठक में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि भारत के संघीय ढाँचे में केन्द्र तथा राज्यों के बीच लंबित कई ऐसे महत्वपूर्ण मुद्दों के सौहार्द्रपूर्ण समाधान में परिषद् की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। झारखण्ड राज्य के कई मुद्दे, चाहे वे केन्द्र सरकार के साथ हों या पड़ोसी राज्यों के साथ, इनका समाधान पूर्व में भी इसी मंच से हुआ है । कई परियोजनाओं के क्रियान्वयन में आ रही बाधाओं को दूर किया जा सका है। मुझे आशा है कि कई अनसुलझे मुद्दों का समाधान आज की इस बैठक से निकलेगा और "सहकारी संघवाद" की भावना के अनुरूप और बेहतर समन्वय के साथ हम विकास के लक्ष्यों को प्राप्त करने की दिशा में अग्रसर होंगे।
सभी राज्यों की संस्कृति एवं विरासत एक जैसी
पूर्वी क्षेत्रीय परिषद् के सभी राज्यों की संस्कृति एवं विरासत एक जैसी है। इतिहास के पन्नों को जब हम पलटते हैं तो पाते हैं कि बंगाल, बिहार, ओडिशा एवं झारखण्ड कभी एक ही प्रदेश का हिस्सा थे। हमारी साझा सांस्कृतिक विरासत होने के कारण हमारे सामाजिक- आर्थिक मुद्दे और समस्यायें भी एक-दूसरे से जुड़ी हुई हैं। हमारे सामूहिक हितों को बढ़ावा देने एवं समस्याओं के समाधान हेतु पूर्वी क्षेत्रीय परिषद् एक बेहतर मंच है। आवश्यकता इस बात की है कि हम सभी सदस्यगण आपसी समन्वय के साथ विकास की योजनायें बनायें और अपनी समस्याओं के निराकरण में एक-दूसरे का सहयोग करें
मुख्यमंत्री की मांगें और प्रस्ताव
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डीएमएफटी नीति में संशोधन
- मांग: डीएमएफटी नीति में संशोधन कर खनन क्षेत्र में रहने वाले लोगों को इसका उचित लाभ दिलाया जाए।
- कारण: खनन क्षेत्र में रहने वाले लोगों के स्वास्थ्य और जीवनशैली पर इसका प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।
मुख्यमंत्री मईयां सम्मान योजना
- प्रस्ताव: 18 से 50 वर्ष की आयु की पात्र महिलाओं को हर महीने 2500 रुपये की प्रावधानित राशि दी जा रही है।
- उद्देश्य: महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने और उनकी उद्यमशीलता का विकास करना।
बुनियादी ढांचे का विकास
- मांग: साहेबगंज में Multi Model Terminal को राज्य की राजधानी राँची से जोड़ने के लिए राँची से साहेबगंज तक Access Controlled Expressway का निर्माण किया जाए।
- कारण: इससे साहेबगंज स्थित Multi Model Terminal से उड़ीसा के पारादीप पोर्ट तक Port to Port connectivity सुगम होगा।
रेलवे की सुविधाओं का विस्तार
- मांग: झारखण्ड में रेलवे की सुविधाओं के विस्तार के लिए विस्तृत कार्ययोजना बनाई जाए और वर्षों से लटकी पड़ी योजनाओं को समयबद्ध तरीके से पूरा किया जाए।
- कारण: झारखण्ड में रेल नेटवर्क का अपेक्षित विकास नहीं हो पाया है।
हवाई अड्डा निर्माण
- मांग: साहेबगंज में हवाई अड्डा निर्माण में होने वाले पूँजीगत लागत राशि का शत-प्रतिशत व्यय वहन भारत सरकार द्वारा किया जाए।
- कारण: इससे झारखण्ड राज्य के साथ-साथ सभी सीमावर्ती राज्यों को लाभ प्राप्त होगा।
जनजातीय विश्वविद्यालय
- प्रस्ताव: झारखण्ड सरकार के तत्वावधान में एक जनजातीय विश्वविद्यालय की स्थापना परिकल्पित है।
- आवश्यकता: भारत सरकार से आवश्यक आर्थिक सहयोग की आवश्यकता है।
. छात्रवृत्ति योजना
- मांग: भारत सरकार द्वारा नई छात्रवृत्ति योजना का संचालन अथवा राज्य सरकार की इस योजना हेतु वित्तीय अनुदान की व्यवस्था की जाए।
- उद्देश्य: राज्य के साक्षरता दर में अभिवृद्धि करना और वंचित वर्ग के बच्चों को औपचारिक शिक्षा हेतु प्रेरित करना।
नमामि गंगे योजना
- मांग: नदियों के किनारे बसे शहरों में सिवरेज ट्रीटमेंट प्लांट और Sewerage Network का प्रावधान किया जाए।
- कारण: नदियों को प्रदूषण मुक्त करने के लिए।
रांची मेट्रो रेल परियोजना
- मांग: रांची में मेट्रो रेल परियोजना की स्वीकृति दी जाए।
- कारण: राजधानी की बढ़ती यातायात जरूरतों को पूरा करने के लिए।
प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण)
- मांग: आवास निर्माण के लिए वित्तीय सहायता बढ़ाकर 2 लाख रुपये प्रति आवास किया जाए।
- कारण: आवास निर्माण सामग्री और मजदूरी की बढ़ती दरों को देखते हुए।
मनरेगा
- मांग: मनरेगा के तहत दैनिक मजदूरी को राज्य सरकार द्वारा निर्धारित दर के अनुरूप किया जाए।
- कारण: लोगों को मनरेगा के प्रति आकर्षित करने के लिए।
उग्रवाद की समस्या
- मांग: केन्द्रीय बलों की प्रतिनियुक्ति के लिए राज्य सरकार से राशि का भुगतान नहीं लिया जाए।
- कारण: उग्रवाद को समाप्त करना केन्द्र और राज्य सरकार की संयुक्त जिम्मेवारी है।
. कुपोषण उन्मूलन
- मांग: 15वें वित्त आयोग द्वारा अनुशंसित 312 करोड़ रुपये की अतिरिक्त राशि की शीघ्र विमुक्ति की जाए।
- कारण: कुपोषण उन्मूलन के प्रयासों को मजबूत करने के लिए।
आंगनबाड़ी केंद्र
- मांग: अतिरिक्त आंगनबाड़ी केंद्रों के सृजन और स्थापना के लिए प्रस्ताव को मंजूरी दी जाए।
- कारण: बढ़ती जनसंख्या और लाभार्थियों की संख्या को देखते हुए।
राष्ट्रीय सामाजिक सहायता कार्यक्रम (NSAP)
- मांग: वृद्धावस्था पेंशन, विधवा पेंशन और दिव्यांग पेंशन की दरें बढ़ाकर कम से कम 1000 रुपये प्रति माह की जाए।
- कारण: लाभुकों की मूलभूत आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए।
पेटेंट सूचना और सुविधा केंद्र
- मांग: झारखंड विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार परिषद के अंतर्गत एक अत्याधुनिक पेटेंट सूचना और सुविधा केंद्र की स्थापना के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की जाए।
- कारण: उच्च शिक्षा संस्थानों में शोध और नवाचार को बढ़ावा देने के लिए।
चिकित्सा महाविद्यालय और अस्पताल
- मांग: राज्य सरकार द्वारा प्रस्तावित 6 नए चिकित्सा महाविद्यालय और अस्पताल की स्थापना के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की जाए।
- कारण: चिकित्सकों की कमी को दूर करने और स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार करने के लिए।
मुख्यमंत्री अबुआ स्वास्थ्य सुरक्षा योजना
- मांग: आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना और मुख्यमंत्री अबुआ स्वास्थ्य सुरक्षा योजना के संचालन में आ रही समस्याओं का समाधान किया जाए।
- कारण: स्वास्थ्य सेवाओं को सुचारु रूप से चलाने के लिए।
. मेगालिफ्ट सिंचाई परियोजनाएं
- मांग: झारखंड सरकार द्वारा प्रस्तावित मेगालिफ्ट सिंचाई परियोजनाओं के लिए वित्तीय और तकनीकी सहायता प्रदान की जाए।
- कारण: कृषि और सिंचाई सुविधाओं में सुधार करने के लिए।
कोयला खनन
- मांग: Coal India Limited की इकाइयों द्वारा राज्य सरकार का बकाया राशि का भुगतान किया जाए।
- कारण: राज्य सरकार के राजस्व को बढ़ावा देने के लिए।
पर्यटन विकास
- मांग: पूर्वोत्तर राज्यों के लिए एकीकृत पर्यटन नीति बनाई जाए।
- कारण: पर्यटन को बढ़ावा देने और स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए।
आस्तियों और दायित्वों का बंटवारा
- मांग: बिहार और झारखंड राज्य के बीच आस्तियों और दायित्वों के बंटवारे के संबंध में नीति बनाई जाए।
- कारण: लंबित मामलों का समाधान करने के लिए।