मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि झारखंड के समग्र विकास के लिए केंद्र सरकार का सहयोग नितांत आवश्यक है। उन्होंने सहकारी संघवाद की भावना से आगे बढ़ने का आह्वान किया और कहा कि यह मांगें राज्य के लोगों के सामाजिक और आर्थिक सशक्तीकरण की दिशा में निर्णायक कदम हैं। वे रांची में आयोजित पूर्वी क्षेत्रीय परिषद की 27वीं बैठक में बोल रहे थे।
केंद्र के समक्ष रखीं 31 प्रमुख मांगें
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने पूर्वी क्षेत्रीय परिषद की 27वीं बैठक में राज्य की और से 31 प्रमुख मांगें केंद्र के समक्ष रखीं। उन्होंने कोल कंपनियों से 1.40 लाख करोड़ की लंबित रॉयल्टी राशि की तत्काल वसूली, 18 से 50 वर्ष की महिलाओं को 2500 प्रतिमाह सहायता देनेवाली 'मैयां सम्मान योजना', ट्राइबल यूनिवर्सिटी की स्थापना और रांची मेट्रो जैसी अधोसंरचना परियोजनाओं को तेज़ी से आगे बढ़ाने की मांग उठाई।
क्या है झारखंड की मांगें
- कोल कंपनियों से लंबित रॉयल्टी राशि की वसूली: ₹1.40 लाख करोड़ की राशि की तत्काल वसूली की मांग।
- मैयां सम्मान योजना: 18 से 50 वर्ष की महिलाओं को ₹2500 प्रतिमाह सहायता देने की योजना।
- ट्राइबल यूनिवर्सिटी: ट्राइबल यूनिवर्सिटी की स्थापना में केंद्र से सहयोग की मांग।
- रांची मेट्रो: रांची मेट्रो परियोजना के शीघ्र क्रियान्वयन का सुझाव।
क्या है अन्य मांगें
- पर्यटन और ग्रामीण विकास: पर्यटन और ग्रामीण विकास को बढ़ावा देने के लिए केंद्र की सहायता की मांग।
- एमएसएमइ सेक्टर: एमएसएमइ सेक्टर के माध्यम से युवाओं को रोजगार और गांवों की अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाने की वकालत।
- डीएमएफटी नीति: डीएमएफटी नीति में सुधार और पीएसयू क्षेत्रों में स्थानीयों को प्राथमिकता देने पर बल।
- शिक्षा और स्वास्थ्य: शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार के लिए केंद्र की सहायता की मांग।